राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) द्वारा केरल के उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील से सोने की तस्करी मामले में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ करने के एक दिन बाद, माकपा ने शुक्रवार (सितंबर 18, 2020) को जाँच को सांप्रदायिक एंगल देते हुए दावा किया कि मंत्री के खिलाफ विपक्ष का विरोध “कुरान विरोधी” था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, माकपा के राज्य सचिव कोडिएरी बालाकृष्णन ने पार्टी के मुखपत्र ‘देशभीमनी’ में अपने साप्ताहिक कॉलम में केरल कम्युनिस्ट सरकार और मंत्री केटी जलील के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को ‘कुरान विरोधी’ बताया है।
लेख में, उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री जलील का बचाव किया, जिनसे राष्ट्रीय जाँच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सोने की तस्करी मामले में पूछताछ की गई थी। जाँच में पता चला था कि केटी जलील ने प्रोटोकॉल के मानदंडों को दरकिनार करते हुए मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश की मदद से संयुक्त अरब अमीरात से अवैध रूप से कुरान का आयात किया था। सीमा शुल्क विभाग ने शुक्रवार को बताया कि शुल्क छूट मिलने के बाद यूएई वाणिज्य दूतावास द्वारा आयात की गई पवित्र कुरान की प्रतियाँ स्वीकार कर जलील ने सीमा शुल्क नियमों का भी उल्लंघन किया है।
कोडिएरी बालाकृष्णन ने कहा, “राज्य की राजधानी में यूएई वाणिज्य दूतावास के अनुरोध पर पाक पुस्तक की कुछ प्रतियाँ वितरित करना कोई आपराधिक कृत्य नहीं है। मंत्री वक्फ बोर्ड के प्रभारी भी हैं। मुस्लिम लीग, संघ परिवार द्वारा प्रज्वलित आग में ईंधन डाल रही है।”
केरल के मंत्री के इस्तीफे की माँग के लिए विपक्षी दलों पर हमला करते हुए, बालाकृष्णन ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन सरकार के खिलाफ एक बड़ी राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी पार्टी कुरान का अपमान कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम लीग और आरएसएस ने मिलकर ‘कुरान विरोधी’ आंदोलन को लॉन्च किया।
उन्होंने आगे लिखा, “IUML आरएसएस के कुरान विरोधी आंदोलन को भड़का रहा है। इस कृत्य में IUML के साथ कॉन्ग्रेस भी शामिल है। हम इस आधार पर कुरान के खिलाफ आंदोलन का विरोध कर रहे हैं कि कोई भी धार्मिक पाठ उपहास का विषय न बने।”
विपक्षी दलों ने बालाकृष्णन के आरोपों को खारिज कर दिया और LDF पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाया। बालाकृष्णन के ‘कुरान-विरोधी’ आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए, कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा कि सरकार ने अपना चेहरा खो दिया है और राजनीति के लिए कुरान का उपयोग करना खतरनाक है।
आईयूएमएल के राष्ट्रीय महासचिव पी के कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि माकपा और जलील को सोने की तस्करी से जुड़े आरोपों का जवाब देना चाहिए। भाजपा के राज्य प्रमुख के सुरेंद्रन ने कहा कि माकपा जलील को एक मजहब के प्रतीक के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी पर इस मुद्दे को सांप्रदायिक रूप देने का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि पिछले महीने मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश के कॉल डिटेल्स से पता चला था कि आरोपित केरल के उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील के साथ नियमित संपर्क में थी।
कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) के अनुसार, केटी जलील ने स्वप्ना सुरेश को कई कॉल किए थे। कॉल डिटेल्स से पता चला कि शिक्षा मंत्री और स्वप्ना सुरेश के बीच मई और जून के महीने में कई कॉल हुई थी। जलील के दो निजी कर्मचारी भी कथित तौर पर स्वप्ना सुरेश के संपर्क में थे।