पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के प्रधानमंत्री राजा फारूक को पाकिस्तानी सेना की आलोचना करना पड़ा भारी पड़ गया है। पाकिस्तान सरकार ने पीओके के कथित प्रधानमंत्री राजा फारूक के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। राजा फारूक हैदर के साथ-साथ पाकिस्तान के पूर्व पीएम- नवाज शरीफ और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के कई अन्य नेताओं पर भी देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।
#BREAKING | PoK PM Raja Farooq Haider booked under Pak law for treason and sedition.@Alok795 (Director, India Foundation) and @AmjadAyubMirza1 (PoK Political activist) share their opinions.
— CNNNews18 (@CNNnews18) October 6, 2020
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दरअसल, राजा फारूक हैदर खान (Raja Farooq Haider Khan) पर पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के साथ मिलकर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ गतिविधियाँ चलाने का आरोप लगाया गया है। फारूक़ और अन्य नेताओं के खिलाफ सोमवार (अक्टूबर 5, 2020) को मामला दर्ज किया गया था, जिसमें शरीफ की बेटी मरियम नवाज, पूर्व प्रमुख शाहिद खकान अब्बासी, सीनेटर परवेज राशिद शामिल थे। इन सभी नेताओं ने पिछले हफ्ते लंदन से शरीफ द्वारा संबोधित पार्टी की बैठकों में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया था।
FIR में कहा गया है कि नवाज शरीफ ने लंदन में भड़काऊ भाषण देकर पाकिस्तान के प्रतिष्ठित संस्थानों के खिलाफ साजिश रची। इसके साथ ही एफआईआर में कहा गया है कि नवाज शरीफ के इन भाषणों का मकसद पाकिस्तान को गुंदागर्दी करने वाला राज्य घोषित करना है। इससे एक दिन पहले ही नवाज शरीफ के दामाद कैप्टन (रिटायर) मुहम्मद सफदर के खिलाफ भी राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। उनके ऊपर देश और संस्थानों के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप लगा था।
यहाँ यह गौर करने वाली बात है कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए नेताओं द्वारा साजिश का दावा करते हुए, पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत पाकिस्तान के नागरिक बदर रशीद ने यह एफआईआर दर्ज कराई है।
उन्होंने एफआईआर में आरोप लगाया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पार्टी की बैठकों में अपने भाषणों के दौरान, शरीफ ने भारत की नीतियों का समर्थन किया ताकि पाकिस्तान वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ‘ग्रे सूची’ पर बना रहे। एफआईआर के मुताबिक पाक अधिकृत कश्मीर के पीएम भी बैठक के दौरान कथित रूप से मौजूद थे।
आवेदक ने यह भी कहा कि शरीफ के भाषणों का उद्देश्य ‘नवाज के’ दोस्त ‘भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को लाभ पहुँचाने के लिए तथा भारत अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन से ध्यान हटाना था।’
وزیر اعظم کو اس FIR کا کوئ علم نہیں تھا جب میں ان کے علم میں لایا کہ اس طرح ایک FIR ہوئ ہے جس میں نواز شریف اور دیگر لوگوں کو نامزد کیا گیا ہے انھوں نے شدید ناپسندیدگی کا ااظہار کیا ، ہو سکتا ہے کسی نے کاروائ ڈالنے کیلئے ایسا کیا ہو دیکھتے ہیں۔ https://t.co/uZYnwX2FCR
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) October 5, 2020
देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के बाद पाक पीएम इमरान खान सरकार ने इस कदम से खुद को अलग कर लिया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस पर जहाँ ‘कड़ी नाराजगी’ जाहिर की है, वही फेडरल साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री फवाद चौधरी ने दावा किया कि पीएम इमरान नवाज शरीफ और अन्य के खिलाफ दर्ज कराए गए मामले से अनजान थे। उन्होंने दावा किया कि देशद्रोह का मामला दर्ज करना पीटीआई सरकार की नीति नहीं है, ऐसा नवाज शरीफ के कार्यकाल में हुआ था।