प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों (CEI) में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों (EWS) के लिए प्रवेश में आरक्षण के प्रावधानों को मंजूरी दे दी। जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट में प्रस्ताव को आगे बढ़ाने से पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने चुनाव आयोग की अनुमति माँगी थी, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
ख़बर के मुताबिक, कैबिनेट की मंजूरी से, 158 केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों में 2019-20 शैक्षणिक सत्र के दौरान 2 लाख से अधिक अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएँगी, जबकि 2020-21 में 95,783 सीटें जोड़ी जाएँगी। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के प्रवेश में आरक्षण लागू करने के लिए 158 केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों को ₹4315.15 करोड़ की मंजूरी दी गई है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) के 103 वें संवैधानिक संशोधन और दिशा निर्देशों के अनुसरण में EWS श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाएगा और इसके लिए एससी या एसटी के आरक्षण प्रतिशत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ये आरक्षण उस सीमा से अलग होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अध्ययन की सभी शाखाओं में छात्रों के प्रवेश को बढ़ाने के लिए सभी केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों को इसी साल जनवरी में निर्देश जारी किए थे। एससी/ एसटी या फिर अन्य पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित किए गए आनुपातिक आरक्षण को प्रभावित किए बिना आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया था। जिसके बाद राज्यसभा ने राज्यसभा ने 9 जनवरी को संविधान में संशोधन करते हुए नौकरियों और शिक्षा में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के को मंजूरी दी थी।