सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण एक बार फिर विवादों की वजह से चर्चा में हैं। उन्होंने तीन ग़ैर सरकारी संगठनों (NGOs) से इस्तीफा दे दिया है। भूषण ने सेंटर फॉर पीआईएल (CPIL), कॉमन कॉज और स्वराज अभियान नामक संगठनों से इस्तीफा दे दिया। प्रशांत भूषण ने ये क़दम तब उठाया है जब वो बार कॉउन्सिल के नियमों को ताक पर रखते हुए पकड़े गए हैं। बता दें कि प्रोफेशनल स्टैंडर्ड्स को परिभाषित करते हुए बार कॉउन्सिल के कुछ नियम हैं, जिनका सभी सदस्य वकीलों को पालन करना पड़ता है। इसके क्लॉज 9 में लिखा है कि वकील अदालत में ऐसे किसी भी प्रतिष्ठान का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते, जिसमें उन्होंने कोई पद ग्रहण कर रखा है।
प्रशांत भूषण कई बार इन संगठनों के लिए अदालत में जिरह कर चुके हैं, जिनके गवर्निंग बॉडी में वो शामिल हैं। मेजर सुरेंद्र पुनिया (रिटायर्ड) ने भूषण के ख़िलाफ़ शिकायत दायर की थी जिसके बाद उन्होंने ये क़दम उठाया। प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा कि भले ही उन्होंने इन संगठनों की गवर्निंग बॉडी से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन वो इसके लिए लड़ना जारी रखेंगे।
People are asking if I have resigned from CommonCause, CPIL& Swaraj Abhiyan. I have resigned from the GBs of these since the BarCouncil was hounding me citing a rule that I can’t appear in court for an Org if I am on its governing body.I will continue to do their cases&guide them
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) April 16, 2019
प्रशांत भूषण ने कहा कि बार कॉउन्सिल ऑफ दिल्ली उनके पीछे पड़ा हुआ था क्योंकि वो इन संगठनों के लिए अदालत में केस लड़ रहे थे। बार कॉउन्सिल ने नोटिस देकर भूषण से जवाब माँगा था जिसके बाद उन्होंने इस संगठनों के लिए केस लड़ने की बात स्वीकार की थी। अब उन्होंने बार कॉउन्सिल को अपने इस्तीफे से अवगत करा दिया है।
इससे पहले भी प्रशांत भूषण ऐसी हरकतें कर चुके हैं। अदालत के फैसले को लेकर ट्विटर पर टिप्पणी करने के कारण उनसे जवाब माँगा गया था। उनके ख़िलाफ़ 87 वर्षीय अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल राव ने अवमानना केस भी किया था। 16 जनवरी को लोकपाल मामले में बहस के दौरान भारत के प्रधान न्यायाधीश ने प्रशांत भूषण को जमकर फटकार लगाई थी। प्रधान न्यायाधीश ने प्रशांत भूषण नसीहत देते हुए चीजों को सकारात्मक तरीके से देखने की बात कही थी। लोकपाल मामले पर बहस के दौरान कोर्ट में जब प्रशांत भूषण ने सर्च कमिटी के उपर सवाल खड़ा किया तो चीफ़ जस्टिस ने तल्ख अंदाज में प्रशांत भूषण को ये जवाब दिया था- “ऐसा लगता है आप जजों से भी ज्यादा जानते हैं।”