आंध्र प्रदेश में मंदिरों पर हमले की घटनाएँ थम नहीं रही है। विजयवाड़ा के सीताराम मंदिर में देवी सीता की मूर्ति खंडित पाई गई है। यह मूर्ति 40 साल पुरानी बताई जा रही है। यह मंदिर विजयवाड़ा के पंडित नेहरू बस कॉम्पलेक्स में स्थित है।
बीते कुछ दिनों के भीतर इस तरह की यह तीसरी घटना है। इससे पहले विजयनगरम जिले की एक मंदिर में विराजित भगवान राम की 400 साल पुरानी मूर्ति खंडित कर दी गई थी। इसके बाद राजमुंद्री के विघ्नेश्वर मंदिर में भगवान सुब्रमण्येश्वर स्वामी की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया था।
बता दें कि रविवार (जनवरी 03, 2021) को विजयवाड़ा के सीताराम मंदिर में देवी सीता की एक मूर्ति टूटी हुई मिली थी। मंदिर के पुजारी ने देवी सीता की मूर्ति खंडित पाए जाने की पुलिस में शिकायत की। सर्कल इंस्पेक्टर सत्यानंद ने मंदिर का दौरा किया। पुलिस जाँच शुरू कर रही है।
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर पता लगाया जा रहा है कि क्या बदमाशों ने मूर्ति को खंडित किया है। इस बीच, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मूर्ति खंडित किए जाने के विरोध में मंदिर में धरना-प्रदर्शन किया।
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने रेड्डी सरकार को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा, “YSRCP पार्टी और TDP नेताओं द्वारा कल के नाटक के बावजूद, मंदिरों पर हमले जारी हैं।” देवता की मूर्ति तोड़ने की पिछली घटनाओं की ओर इशारा करते हुए, देवधर ने सीएम रेड्डी से सवाल किया कि ‘यह केवल हिंदुओं के साथ ही क्यों हो रहा है?’
Enough is enough, @ysjagan ji.
— Sunil Deodhar (@Sunil_Deodhar) January 3, 2021
Shouldn’t your silence & inaction be considered as hidden support to the miscreants ?
Are you taking Hindu sentiments for a ride ?
Ironically, all Hindu leaders of YCP too are silent. Aren’t they aware that people won’t spare them?#SpeakUpJagan pic.twitter.com/tJ8uxs60pA
आंध्र प्रदेश के सीएम पर निशाना साधते हुए, बीजेपी के देवधर ने कहा, “अब बहुत हो गया। वाईएस जगनमोहन रेड्डी, क्या आपकी चुप्पी और निष्क्रियता को उपद्रवियों के लिए छिपे समर्थन के रूप में नहीं माना जाना चाहिए? क्या आप हिंदू भावनाओं को ऐसे ले रहे हैं? विडंबना यह है कि वाईसीपी के सभी हिंदू नेता भी चुप हैं। क्या उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि लोग उन्हें नहीं छोड़ेंगे।”
तेलुगु देशम पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता पट्टाभि ने मंदिर का दौरा किया। पुलिस की ओर से जानवरों द्वारा मूर्ति को खंडित किए जाने की आशंका जताए जाने पर तेदेपा नेताओं की पुलिस से बहस हो गई। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ तेदेपा नेता देवीनेनी उमामहेश्वर राव ने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए मंदिरों पर हमले और देवताओं की मूर्तियों के साथ तोड़-फोड़ करवा रही है। तेदेपा विधायक बुद्ध वेंकन्ना ने भी इस घटना की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी प्रशासन में देवताओं की मूर्तियाँ भी सुरक्षित नहीं है।
गौरतलब है कि हाल ही में आंध्र प्रदेश के राजमुंद्री के विघ्नेश्वर मंदिर में भगवान सुब्रमण्येश्वर स्वामी की प्रतिमा को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। राजमुंद्री का श्रीराम नगर ईस्ट गोदावरी जिले में पड़ता है। राजमुंद्री को आंध्र की सांस्कृतिक राजधानी भी कहते हैं, लेकिन लोगों का दावा है कि यहाँ ईसाई मिशनरियों का बोलबाला है।
इस घटना से 2 दिन पहले ही विजयनगरम जिले के नेल्लीमरला मंडल में एक पहाड़ी पर स्थित मंदिर में अज्ञात उपद्रवियों ने भगवान राम की 400 साल पुरानी मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया था। मूर्ति रामतीर्थम गाँव के पास पहाड़ी की चोटी पर स्थित बोडिकोंडा कोदंडाराम मंदिर में विराजमान थी। उपद्रवी ताला तोड़ मंदिर के गर्भगृह में घुसे और और स्वामी कोदंडारामुडु का सिर काटकर अलग कर दिया। मुख्य मंदिर पहाड़ी की तलहटी में है।
बता दें कि मंदिरों पर हो रहे हमले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा था, “जगन रेड्डी ईसाई हो सकते हैं। लेकिन यह सोचना कि वह अपने शक्ति का इस्तेमाल हिंदुओं को धर्मांतरित करने के लिए कर सकते हैं, गलत है। अगर सत्ता में लोग धर्मांतरण का सहारा लेते हैं, तो यह विश्वासघात होता है। किसी को भी इस तरह की धार्मिक असहिष्णुता नहीं दिखानी चाहिए। अयोध्या के राम मंदिर में ‘जय श्री राम’ का नारा गूँजता है। ठीक इसी तरह, रामतीर्थम के राम मंदिर को हमेशा उत्तर आंध्र में सम्मान के साथ देखा गया है। ऐसे मंदिर में उपद्रवियों ने भगवान राम की मूर्ति के साथ बर्बरता की है, लेकिन सरकार दोषियों को पकड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।”