उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कट्टरपंथियों ने शनिवार (2 जनवरी 2021) रात देव प्रकाश के घर में आग लगा दी थी। पीड़ित देव प्रकाश ने कुछ महीने पहले ही इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया था। उन्होंने अपना नाम मोहम्मद अनवर से बदलकर देव प्रकाश रखा था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक वह अपनी जमीन पर मंदिर बनवा रहे थे। इससे नाराज होकर कट्टरपंथियों ने इस घटना को अंजाम दिया।
हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा की गई मदद से प्रभावित होकर उन्होंने इस्लाम त्यागा था। बताया जा रहा है कि वे अपने घर के नज़दीक मंदिर बनवाने जा रहे थे। इसकी वजह से उनके आस-पास रहने वाले ‘शांतिप्रिय समुदाय’ के कट्टरपंथी काफ़ी नाराज़ थे।
दैनिक भास्कर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ देव प्रकाश पटेल अपने घर के नज़दीक स्थित ज़मीन पर मंदिर का निर्माण कराने जा रहे थे। इस बात से गाँव के कुछ लोग उनसे काफी नाराज़ हो गए थे। इस बात को आधार बनाते हुए शनिवार देर रात कई लोगों ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया। इस वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपितों ने देव प्रकाश के घर के दरवाज़े भी बंद किए थे। आग बढ़ने के बाद बच्चों ने चीखना शुरू कर दिया, जिसके बाद देव प्रकाश ने पीछे का दरवाज़ा तोड़ कर अपनी और अपने बच्चों की जान बचाई।
पीड़ित ने ग्राम प्रधान ताहिर अहमद, अली अहमद, इम्तियाज़ आदि पर ज़िंदा जलाने के प्रयास का आरोप लगाया है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने ग्राम प्रधान समेत कुल 5 आरोपितों पर मामला दर्ज कर लिया है। इस घटना पर पुलिस का कहना है कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। घटनास्थल पर शांति कायम है। घटना के बाद जिलाधिकारी और एसपी ने भी पीड़ित देव प्रकाश से मुलाक़ात की। डीएम ने देव प्रकाश को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी पीड़ित से मुलाक़ात की।
सितंबर 2020 में रायबरेली, सलोन स्थित रतासो गाँव के निवासी मोहम्मद अनवर ने केकोगना घाट पर हिन्दू धर्म में वापसी की थी। धर्मांतरण के बाद मोहम्मद अनवर ने अपना नाम देव प्रकाश पटेल रख लिया था। धर्मांतरण के बाद उन्होंने अपने तीन बच्चों रेहान, अली और ख़ुशी का नाम देव नाथ, देवी दयाल और दुर्गा देवी कर दिया था। देव प्रकाश पटेल ने मुंडन करवाने के बाद पूरे विधि-विधान से हिन्दू धर्म में वापसी की थी।
लेकिन आस-पास रहने वाले कट्टरपंथियों को यह बात हज़म नहीं हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ शनिवार को ग्राम प्रधान ताहिर अहमद ने देव प्रकाश पटेल के घर को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के दौरान घर में मौजूद सभी लोग सो रहे थे। देव प्रकाश ने किसी तरह अपनी और अपने बच्चों की जान बचाई। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसका घर पूरी तरह जल कर राख हो गया है।
देव प्रकाश पटेल धर्मांतरण से पहले फ़कीर बिरादरी से ताल्लुक रखते थे। कुछ साल पहले उनकी पत्नी का निधन हो गया था। उनके दो बेटे और एक बेटी है। उनके सामने जीवनयापन की बड़ी चुनौती थी। इस बीच आस-पास रहने वाले हिन्दू परिवारों ने बिना किसी भेदभाव के उनकी काफी मदद की। वह इस बात से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने इस्लाम धर्म त्याग दिया। देव प्रकाश ने हिन्दू धर्म स्वीकार करने से पहले प्रशासनिक अधिकारियों को भी सूचित किया था। साथ ही यह भी कहा था कि उन्होंने यह कदम अपनी इच्छा से उठाया है।