आपको याद होगा जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 2018-19 के दौरे के दौरान टेस्ट सीरीज जीती थी। 4 मैचों की उस सीरीज में अगर दोनों तरफ से किसी भी बल्लेबाज ने सबसे ज्यादा रन बनाए थे तो वो थे चेतेश्वर पुजारा। उन्होंने 4 मैचों की 7 इन्निंग्स में 74.43 की बल्लेबाजी औसत से 521 रन ठोके थे। इस टूर में चेतेश्वर पुजारा ने 50 चौके लगाए थे। 3 शतक और एक अर्धशतक के साथ उन्होंने धमाल मचा दिया था, जिसमें 193 रनों की एक बड़ी पारी भी शामिल थी।
इस बार वो बल्लेबाजी से उस तरह का कमाल तो नहीं दिखा पाए लेकिन फिर भी इस सीरीज में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा गेंदें उन्होंने ही खेली। वो पुजारा ही थे, जो दीवार की तरह ऑस्ट्रेलिया की घातक तेज गेंदबाजों की तिकड़ी (मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और पैट कमिंस) के सामने खड़े रहे और समय-समय पर भारत के लिए मैच बचाने में योगदान दिया। हालाँकि, इस सीरीज में दुनिया के नंबर-1 टेस्ट गेंदबाज कमिंस ने उन्हें परेशान ज़रूर किया।
अगर ब्रिस्बेन में हुए अंतिम मैच की बात करें तो चेतेश्वर पुजारा ने चौथी पारी में भारत को जिताने में अहम् भूमिका निभाई। भले ही युवा शुभमण गिल और ऋषभ पंत ने इस मैच को भारत की झोली में डालने में बड़ा योगदान दिया, लेकिन पुजारा एक तरफ से खड़े थे। भारतीय टीम के अन्य बल्लेबाजों को पता था कि मैच को ड्रॉ कराने के लिए एक दीवार खड़ी है। पुजारा ने भी निराश नहीं किया।
One word – Resilience! 👏👏👏 @cheteshwar1 @anupamnawada @BCCI pic.twitter.com/rnDjU9hRq3
— मगध सम्राट (@BharatvrshKRaja) January 19, 2021
चौथे टेस्ट मैच के दौरान 11 बार गेंद से उनके शरीर को निशाना बनाया गया या फिर शरीर पर आकर लगी, लेकिन वो टस से मस नहीं हुए। सीरीज उनके लिए बल्ले से बहुत अच्छा न रहने के बावजूद वो सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में चौथे नंबर पर हैं। उन्होंने 33.88 के औसत से 271 रन बनाए। भारत की तरफ से उनसे ज्याद रन सिर्फ ऋषभ पंत ने बनाया। चेतेश्वर पुजारा एक जुझारू खिलाड़ी का नाम है और उन्होंने इसे इस सीरीज में कई बार साबित किया।
इस सीरीज में शुभमण गिल ने भी अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच में पहली बार कदम रखा था। जहाँ तक इस मैच की बात है, ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में मारनस लाबुशेन की शतक की मदद से 369 रनों का स्कोर खड़ा किया था। नटराजन और शार्दुल ठाकुर ने 3-3 विकेट लिए। भारत ने पहली बारी में शार्दुल और सुंदर के पचासों की मदद से 336 रन बनाए। हेजलवुड ने 5 विकेट लिए। लेकिन, दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को भारत ने 394 पर समेट दिया। अंतिम पारी में भारत ने सफलतापूर्वक लक्ष्य को चेज कर लिया।