Tuesday, November 19, 2024
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‘ऐसे बयान हमारी मातृभूमि के लिए खतरा’: आर्मी वेटरन बोले- माफी माँगे राहुल गाँधी

पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि यह टिप्पणी नादान और सच्चाई से बहुत दूर है, बिलकुल 1962 में चीन के खिलाफ हमें असफल करने वाले काल्पनिक नेहरूवादी स्वप्न की तरह।

भारतीय सशस्त्र बल के तमाम वरिष्ठ पूर्व सैनिकों ने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के हालिया बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘सेना की कोई आवश्यकता नहीं’ है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनके वरिष्ठ नेता का उस टिप्पणी से क्या मतलब है। दिग्गजों ने कहा कि वे उनकी टिप्पणियों से ‘स्तब्ध और बेहद आहत’ हैं।

सेना के पूर्व अधिकारियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है, “हम भारतीय किसानों, श्रमिकों और मजदूरों का सबसे अधिक सम्मान करते हैं। वे हमारी अर्थव्यवस्था की मुख्य ताकत और भारत की रीढ़ हैं। राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए हम उन्हें सलाम करते हैं। लेकिन भारत के सशस्त्र बल भी बहुत समर्पित, उच्च प्रशिक्षित हैं। दुनिया भर में भारतीय सेना की प्रतिष्ठा है। लेकिन नेताओं के ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए खतरा है।”

Veterans of Indian Armed Forces slam Rahul Gandhi
Statement issued by veterans (Source: @AninBanerjee/Twitter)

पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि यह टिप्पणी नादान और सच्चाई से बहुत दूर है, बिलकुल 1962 में चीन के खिलाफ हमें असफल करने वाले काल्पनिक नेहरूवादी स्वप्न की तरह। लेकिन देश की भावी पीढ़ियों पर इसके भ्रामक प्रभाव को देखते हुए उन्होंने चीजों को सही परिप्रेक्ष्य में रखने का फैसला किया है।

बयान में सेना के पूर्व अधिकारियों ने कहा है, “भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना को अनावश्यक कहने जैसे निंदनीय बयान देना, न केवल हमारे वर्दीधारियों का मनोबल गिराते हैं, बल्कि राष्ट्र के सशस्त्र बलों के लिए अपमानजनक है, जिन्होंने राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान करने में कभी संकोच नहीं किया है।”

सेना के पूर्व अधिकारियों ने राहुल गाँधी से अपने बयान पर माफी माँगने की माँग की है। उन्होंने लिखा, “हम ईमानदारी से राहुल गाँधी से अनुरोध करते हैं कि वह वर्दी में हमारे सबसे बहादुर पुरुषों और महिलाओं को एक माफीनामा सौंपे और भविष्य में सशस्त्र बलों के संदर्भ में विवेकशील बने रहने का वादा करें। इस तरह के कुत्सित बयान खतरे की धारणा में गंभीर अपर्याप्तता दर्शाते हैं कि भारत को बाहर के साथ-साथ देश के कुछ हिस्सों में भी चौबीसों घंटे दुश्मनों से सामना करना पड़ रहा है।”

Veterans of Indian Armed Forces slam Rahul Gandhi
Statement issued by veterans (Source: @AninBanerjee/Twitter)

बयान पर मेजर जनरल जीडी बख्शी, मेजर जनरल पीके सहगल, वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा, एयर वाइस मार्शल पी के श्रीवास्तव और अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं। इस पर भारतीय सशस्त्र बलों के 20 दिग्गजों ने हस्ताक्षर किए हैं।

राहुल गाँधी के बयान के प्रति नाराजगी जाहिर करने वाले सेना के पूर्व अधिकारी-

  1. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह 
  2. वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा
  3. एयर मार्शल एस पी सिंह
  4. एयर मार्शल पीके रॉय
  5. एयर मार्शल आरसी बाजपेई
  6. लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी
  7. लेफ्टिनेंट जनरल अरविंद शर्मा
  8. लेफ्टिनेंट जनरल अरुण साहनी
  9. लेफ्टिनेंट जनरल हिमालय सिंह
  10. लेफ्टिनेंट जनरल अशोक कुमार चौधरी
  11. लेफ्टिनेंट जनरल के एच सिंह
  12. लेफ्टिनेंट जनरल नितिन कोहली
  13. मेजर जनरल जीडी बख्शी
  14. मेजर जनरल ध्रुव कटोच
  15. मेजर जनरल एस.पी. सिन्हा
  16. मेजर जनरल पी.के. सहगल
  17. मेजर जनरल संजय सोई
  18. मेजर जनरल एस.एन.कशिद
  19. मेजर जनरल एस के कालरा
  20. एयर मार्शल पी.के. श्रीवास्तव

गौरतलब है कि राहुल गाँधी ने तमिलनाडु के इरोड में ‘जबरदस्त’ भाषण दिया था। उन्होंने सुझाव दिया था कि अगर भारत के किसान, श्रमिक और मजदूर मजबूत होते, तो भारत को सीमाओं पर सेना, नौसेना और वायु सेना को तैनात करने की आवश्यकता नहीं होती, खासकर इंडो-चाइना बॉर्डर पर। उन्होंने दावा किया था कि अगर किसानों और मजदूरों को सुरक्षा और अधिकार दिया गया तो चीन भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ करने की हिम्मत नहीं करेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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