दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी श्याओमी (xiaomi) ने ‘निवेश प्रतिबंध’ को लेकर अमेरिकी सरकार पर मुकदमा दर्ज कराया है। इस प्रतिबंध की वजह से अमेरिका के लोग चीन की इस कंपनी में निवेश नहीं कर सकते हैं।
इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने श्याओमी को पेंटागन ब्लैक लिस्ट (pentagon blacklist) में रखा था। जिसकी वजह से अमेरिकी इस कंपनी में निवेश नहीं कर सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप का आरोप था कि श्याओमी चीनी सेना के संपर्क में है। हालाँकि कंपनी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि वह एक ‘कम्युनिस्ट चाइनीज़ मिलिट्री कंपनी’ नहीं है।
अमेरिका की कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में श्याओमी का कहना था कि अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ़ डिफेंस द्वारा लगाए गए आरोप असंवैधानिक हैं। फ़िलहाल ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं हैं लेकिन चीनी कंपनी पर ‘निवेश प्रतिबंध’ जारी है।
प्रतिबंध को चुनौती देते हुए श्याओमी ने अमेरिकी सरकार पर मुकदमा किया है। मुक़दमे के साथ आवेदन भी दिया गया है, जिसमें इस निवेश प्रतिबंध को वापस लेने की माँग की गई है। कंपनी का कहना है कि अगर यह प्रतिबंध जारी रहता है तो उनका बहुत ज़्यादा नुकसान होगा।
अदालत के सामने पेश किए गए अपने आवेदन में चीनी कंपनी ने कहा, “ट्रंप प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई अवैध है। 14 जनवरी 2021 को कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (श्याओमी) को ‘कम्युनिस्ट चाइनीज़ मिलिट्री कंपनी’ (CCMP) कहा गया था। इसकी वजह से कोई भी अमेरिकी कंपनी या आदमी श्याओमी में निवेश नहीं कर पाएगा। कंपनी के लिए CCMP का इस्तेमाल ग़ैरक़ानूनी है, यह हटाया जाना चाहिए।”
श्याओमी ने इसके पहले भी कहा था कि वह व्यापार संबंधी सभी नियमों का पालन करता है। न तो उसका चीनी सेना से कोई संबंध है और न ही चीनी सेना उसे नियंत्रित करती है। इसके अलावा अब कंपनी ने कहा है कि वह ‘कम्युनिस्ट चाइनीज़ मिलिट्री कंपनी’ नहीं है।