उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार (जनवरी 31, 2021) को गोरखपुर जिले में 81 लोगों की हिस्ट्रीशीट खोली। इस लिस्ट में साल 2017 में गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कांड (जिसमें कई बच्चों की मौत हुई थी) के बाद सुर्खियों में आए डॉक्टर कफील खान का नाम टॉप 10 में शामिल है।
डॉ. कफील का नाम हिस्ट्रीशीटर लिस्ट में शामिल होने के बाद विपक्षी नेताओं और उसके मीडिया गिरोह के सदस्यों ने ट्वीट्स की झड़ी लगा दी। उन्होंने अपने ट्वीट्स से यह साबित करने की कोशिश की कि क्यों योगी सरकार का फैसला गलत है।
राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने ’डॉक्टर’ की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया, “एक ऐसा डॉक्टर, जो लोगों की मदद के लिए कहीं भी/ हर जगह पहुँचता है, उसे हिस्ट्रीशीटर कहा जा रहा है। शर्म करो! शर्म करो!”
A people’s doctor who reaches with a helping hand anywhere/everywhere is being called a history Sheeter. Shame! Shame! #DrKafeel_is_not_historysheeter
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) February 1, 2021
कॉन्ग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड की स्तंभकार संजुक्ता बसु ने भी इस मुद्दे पर बोलते हुए इसे डॉ. कफील खान के खिलाफ योगी आदित्यनाथ की व्यक्तिगत अहंकारी लड़ाई बताया।
फर्जी खबरों के पुरोधा अभिसार शर्मा ने भी योगी सरकार पर निशाना साधते हुए खान के लिए विलाप किया। उसने लिखा, “कोई कसर नहीं छोड़ रही योगी आदित्यनाथ सरकार कफील खान को परेशान करने के लिए। अदालत कह चुकी है कि उनका भाषण सामाजिक एकता का प्रतीक था। सुप्रीम कोर्ट तक ने योगी सरकार की अपील खारिज कर दी। एक इंसान से इतनी नफरत?”
आम आदमी पार्टी के समर्थक विजय फुलारा ने डॉ. कफील खान के खिलाफ की गई कार्रवाई को ‘राजनीतिक साजिश’ बताया। उन्होंने लिखा, “योगी द्वारा राजनीतिक षड्यंत्र कर कफील खान को फँसाया गया।”
योगी द्वारा राजनीतिक षड्यंत्र कर @drkafeelkhan को फसाया गया।#DrKafeel_is_not_historysheeter
— Vijay Fulara (@imfulara) February 1, 2021
विजय फुलारा अकेला नहीं था। अन्य AAP समर्थक भी इसमें कूद पड़े।
.@drkafeelkhan is a Doctor.#DrKafeel_is_not_historysheeter
— Deep Prakash Pant (@deeppant2) February 1, 2021
जब भाजपा सरकार के खिलाफ बोलने की बात आती है, तो कॉन्ग्रेस के वफादार भला कहाँ पीछे रहने वाले। उन्होंने भी इस मौके को लपका और इसे यूपी सरकार का ‘प्रतिशोध’ कहा। कॉन्ग्रेस समर्थक ललन कुमार ने लिखा, “योगी आदित्यनाथ ने अपनी गलती छिपाने के लिए कफील खान को प्रताड़ित किया, जेल भेजा। वह एक अच्छे इंसान हैं। सरकार उनसे अपराधियों जैसा व्यवहार न करे।”
योगी आदित्यनाथ ने अपनी गलती छिपाने के लिए @drkafeelkhan को प्रताड़ित किया, जेल भेजा।
— Lalan Kumar (@LalanKumarINC) February 1, 2021
वह एक अच्छे इंसान हैं। सरकार उनसे अपराधियों जैसा व्यवहार न करे।#DrKafeel_is_not_historysheeter
UP govt and Mr. Yogi Adityanath should put an end to their politics of vengeance.
— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) February 1, 2021
Let Dr Kafeel Khan be. He is a doctor who wants to serve people . Why the vendetta? #DrKafeel_is_not_historysheeter
डॉ. कफील खान को फँसाने के योगी सरकार के फैसले से समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के अन्य विपक्षी दल के सदस्य भी चिढ़ गए।
@drkafeelkhan हिस्ट्री-शीटर नहीं हैं! हम सब उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि डॉ कफील खान का नाम हिस्ट्री-शीटर से हटा दिया जाए! वह बहुत विनम्र और उदार व्यक्ति और मानवता वादी एक अच्छे डॉक्टर है जिसकी इस वक्त देश को आवश्यकता है!#DrKafeel_is_not_historysheeter pic.twitter.com/IcrNQqm2lu
— Preeti Chobey (@preeti_chobey) February 1, 2021
गौरतलब है कि 2017 में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में 72 नवजात बच्चों की मौत के बाद डॉ. खान को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किया गया था। उसे बाद में गिरफ्तार भी किया गया था।
डॉक्टर कफील पर यूपी पुलिस द्वारा 2 साल जाँच के बाद लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप हटा दिए गए थे। हालाँकि उस पर अभी भी निजी प्रैक्टिस चलाने और दो अन्य आरोप लगे हुए हैं। 9 महीने जेल में बिताने के बाद उसे 2018 में रिहा कर दिया गया था। लेकिन अभी भी वो अपनी नौकरी से सस्पेंड है।
उसे 10 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान दिए गए भाषण के लिए जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था। खान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान दिए गए अपने भाषण में कुछ भड़काऊ टिप्पणियाँ की थीं। उसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी की थी कि वह एक हत्यारे हैं, जिनके कपड़े खून से सने हैं।