प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7, अप्रैल को शाम 7 बजे ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के तहत छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से वर्चुअल चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि यह परीक्षा पे चर्चा का पहला वर्चुअल संस्करण है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण उन्हें इस बार छात्रों से मिलने के लिए वर्चुअल साधन का उपयोग करना पड़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि यह मात्र परीक्षा पे चर्चा नहीं है। बहुत कुछ बातें हो सकती हैं, हल्का-फुल्का माहौल बनाया जा सकता है। इसके माध्यम से एक नया आत्मविश्वास पैदा किया जा सकता है।
This time we have a new virtual format for #PPC2021. pic.twitter.com/SYOCwffXcU
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ये ‘परीक्षा पे चर्चा’ है, लेकिन सिर्फ़ परीक्षा की ही चर्चा नहीं है! #PPC2021 pic.twitter.com/n5BUsjjKVC
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डर को समाप्त करने के प्रश्न पर पीएम मोदी ने कहा कि डर परीक्षा का नहीं अपितु उस माहौल का है जो छात्रों के आसपास बना दिया गया है कि परीक्षा ही सब कुछ है। इसके विषय में पीएम मोदी ने कहा कि जिंदगी में यह आखिरी मुकाम नहीं है।
M Pallavi and Arpan Pandey ask PM @narendramodi how can we reduce fear?
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This is how the PM responded… pic.twitter.com/ZWWbPg7T3r
जीवन में सरलता और कठिन परिस्थितियों के संबंध में पीएम मोदी ने कहा कि वे इस संबंध में थोड़ी अलग राय रखते हैं। उन्होंने कहा, “अभिभावक बच्चों से कहते हैं कि पहले सरल प्रश्नों को हल करो किन्तु मैं पढ़ाई को लेकर कहता हूँ कि पहले कठिन विषयों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि शुरुआत में ऊर्जा बनी रहती है। पीएम मोदी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वे सुबह कठिन चीजों से ही शुरुआत करते हैं।
Attempt the difficult questions first. #PPC2021 pic.twitter.com/vHzCQY8eY3
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खाली समय के विषय में पीएम मोदी ने बच्चों से कहा कि खाली समय को खाली न समझें अपितु खाली समय एक खजाना है। उन्होंने कहा कि खाली समय होना चाहिए अन्यथा जिंदगी एक रोबोट के जैसी हो जाएगी। उन्होंने खाली समय के सदुपयोग करने की बात कही।
खाली समय, इसको खाली मत समझिए, ये खजाना है, खजाना #PPC2021 pic.twitter.com/Nc9l29pWjt
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अभिभावकों से बच्चों के विषय में चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों पर मूल्यों को थोपने की बजाय मूल्यों को जीकर प्रेरित करें। ऐसा इसलिए क्योंकि आवश्यक नहीं कि अभिभावक जो कहें, बच्चे वही करें किन्तु बड़े जो भी करेंगे बच्चे उसे देखते हैं और उसे दोहराने के लिए लालयित रहते हैं।
बच्चे बड़े स्मार्ट होते हैं।
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जो आप कहेंगे, उसे वो करेंगे या नहीं करेंगे, यह कहना मुश्किल है, लेकिन इस बात की पूरी संभावना होती है कि जो आप कर रहे हैं, वो उसे बहुत बारीक़ी से देखता है और दोहराने के लिए लालायीत हो जाता है। #PPC2021 pic.twitter.com/Mrk8zuooQE
पीएम मोदी ने कहा कि सपने देखना अच्छा है किन्तु सपनों को लेकर बैठे रहना और सपनों के लिए सोते रहना सही नहीं है। उन्होंने बच्चों को स्किल का महत्व समझते हुए कहा कि बच्चों को दसवीं और बारहवीं से ही अपने आसपास के जीवन को ऑब्जर्व करना सीखना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ट्रेनिंग और स्किल का महत्व भी समझाया।
We must resolve to achieve our dreams. #PPC2021 pic.twitter.com/6TtPcjq4qd
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परीक्षा हॉल में बेहतर प्रदर्शन के लिए पीएम मोदी ने कहा कि यदि मन अशांत रहा या घबराहट से भरा रहा तो संभव है कि प्रश्नपत्र सामने आते ही सब भूल जाएं किन्तु इसके स्थान पर वर्तमान पर फोकस करना चाहिए और सारी दुविधाओं को परीक्षा हॉल के बाहर ही छोड़ देना चाहिए।
All your tension must be left outside the examination hall. #PPC2021 pic.twitter.com/XjhtAuLzrh
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बच्चों को सफलता का मंत्र समझते हुए पीएम मोदी ने कहा कि छात्र जो पढ़ते हैं, वह कभी भी सफलता और विफलता का पैमाना नहीं हो सकता है बल्कि छात्र जीवन में जो करेंगे वह उनकी सफलता और असफलता को निर्धारित करेगा।
What you study cannot be the only measure of success and failure in your life.
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Whatever you do in life, they will determine your success and failure. #PPC2021 pic.twitter.com/WgTcG9GTIn
हर साल प्रधानमंत्री परीक्षा की अवधि के दौरान छात्रों से संवाद करते हैं जिससे वो छात्रों में आत्मविश्वास उत्पन्न कर सकें एवं उनके मन से परीक्षा और सामाजिक दबाव के डर को निकाल सकें। इस बार कोरोना वायरस के संकट के चलते यह कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित किया गया।