हनुमान जी का जन्म कहाँ हुआ था, इसको लेकर कर्नाटक और आँध्र प्रदेश में बहस छिड़ गई है। दोनों राज्यों ने दावा किया है कि भगवान हनुमान का जन्म स्थान उनके क्षेत्र में है। हालाँकि, अब कर्नाटक के शिवमोगा में एक अन्य धार्मिक प्रमुख ने हनुमान के जन्म स्थान को लेकर नया दावा किया है। उनका कहना है कि भगवान राम के विश्वास पात्र हनुमान जी का जन्म कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के तीर्थस्थल गोकर्ण में हुआ था।
वहीं, इससे पहले कर्नाटक की तरफ से ये दावा किया जाता रहा है कि हनुमान का जन्म हकोप्पल जिले के एंगुंडी के पास किष्किंधा में अंजनाद्रि पहाड़ी पर हुआ था। दूसरी ओर आँध्र प्रदेश के मुताबिक हनुमान की जन्मभूमि तिरुपति की 7 पहाड़ियों में से एक पर है। इस पहाड़ी का नाम भी अंजनाद्रि है।
बताया जाता है कि तिरुपति में स्थित तिरुमला मंदिर हिंदुओं की मान्यता का बड़ा केंद्र है। तेलुगु में तिरुमला का अर्थ होता है सात पहाड़ियाँ। यह मंदिर इन्हीं सात पहाड़ियों को पार करने पर आता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हनुमान के जन्म स्थान को लेकर शिवमोगा की रामचंद्रपुरा मठ के प्रमुख राघवेश्वरा भारती रामायण का जिक्र करते हुए कहते हैं कि हनुमान ने सीताजी को बताया था कि उनका जन्म समुद्र तटीय गोकर्ण में हुआ था। उन्होंने कहा, “रामायण में साक्ष्यों के आधार पर, हम कह सकते हैं कि गोकर्ण हनुमान की जन्मभूमि है और किष्किन्धा में अंजनाद्रि उनकी कर्मभूमि थी।”
गौरतलब है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा गठित एक विशेषज्ञ पैनल 21 अप्रैल को इस मामले पर अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है। पैनल में वैदिक विद्वानों, पुरातत्वविदों और एक इसरो वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
TTD ट्रस्ट बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी केएस जवाहर रेड्डी ने कहा कि हमारे पास तिरुपति में हनुमान का जन्म होने का प्रमाण देने के लिए पौराणिक और पुरातात्विक साक्ष्य हैं। वहीं, कर्नाटक ने किष्किंधा में अंजनाद्रि को हनुमान की जन्मभूमि घोषित करने के लिए एक परियोजना शुरू की है। हंपी से सटे किष्किंधा की पहाड़ियों का रामायण में एक संदर्भ है जहाँ यह वर्णन किया गया है कि भगवान राम और लक्ष्मण हनुमान से मिले थे।