Tuesday, April 30, 2024
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किसान महापंचायत: पंडाल खाली देख निराश हुए BKU अध्यक्ष नरेश टिकैत, धरनास्थल हुआ खाली

भारतीय किसान यूनियन की हर महीने 17 तारीख को मुजफ्फरनगर के सिसौली में मासिक बैठक यूपी गेट पर हो रही है। पिछले माह भी 18 मार्च को भी ये बैठक यूपी गेट पर हुई थी, लेकिन इस बार की तरह तब भी भीड़ की संख्या कम देखकर बीकेयू अध्यक्ष नरेश टिकैत निराश हुए थे।

कोरोना महामारी के फैलते प्रकोप के बीच यूपी गेट पर हुई एक मासिक पंचायत ने भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत को निराश कर दिया है। दरअसल, किसान पंचायत के दौरान जैसे ही टिकैत मंच पर बोलने आए उन्होंने देखा कि प्रदर्शनकारियों की संख्या धरनास्थल पर बहुत कम हो गई है। पंचायत का पंडाल भी खाली पड़ा है।

दैनिक जागरण की खबर के अनुसार भारतीय किसान यूनियन की हर महीने 17 तारीख को मुजफ्फरनगर के सिसौली में मासिक बैठक यूपी गेट पर हो रही है। पिछले माह भी 18 मार्च को भी ये बैठक यूपी गेट पर हुई थी, लेकिन इस बार की तरह तब भी भीड़ की संख्या कम देखकर बीकेयू अध्यक्ष नरेश टिकैत निराश हुए थे। मालूम हो कि एक तरफ हर राज्य में कोरोना की बढ़ती रफ्तार है वहीं दूसरी ओर यूपी गेट पर भारी लापरवाही हो रही है। मंच के सामने बैठे लोगों के मुँह से मास्क गायब है।

गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव ने पूरे देश में पाबंदियाँ बढ़ा दी हैं। हर कोई कोशिश कर रहा है कि भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचे। मगर, किसान नेता राकेश टिकैत ऐसी गंभीर स्थिति में भी अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे। उनका कहना है कि जैसे वह अपने गाँव में रहेंगे वैसे ही यूपी गेट, सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर भी रहेंगे। उन्होंने कहा है कि आंदोलन खत्म नहीं होगा, ये चलता रहेगा।

राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी गेट, सिंघु बार्डर और टीकरी बार्डर पर 5 माह से किसान डटे हैं। एक तरह से यहाँ किसानों ने अपना गाँव बसा लिया है। लॉकडाउन लगेगा, तो क्या गाँव में लोग नहीं रहेंगे। टिकैत ने यह भी कहा कि लाकडाउन लगेगा, तो उसके नियमों का पालन किया जाएगा। गाँवों से किसान यहाँ नहीं आएँगे। मगर जो यहाँ पर है वह यहीं पर रहेंगे। आंदोलन चलता रहेगा।

यहाँ बता दें कि यूपी गेट पर नए कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन 28 नवंबर से हो रहा है। यही वजह है कि दिल्ली जाने कई वाली लेन बंद है। कई वाहनों को इसके कारण दिक्कत का सामना भी करना पड़ रहा है।  लेकिन टिकैत व अन्य प्रदर्शनकारियों को आमजन की समस्या से कोई खासा फर्क नहीं पड़ रहा। वह अपनी मनमानी पर अड़े हुए हैं और कम भीड़ देख कर निराश हो रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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