योगी सरकार ने यूपी में रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। इसके बाद से ही उत्तर प्रदेश एसटीएफ और लोकल पुलिस की टीमें जमाखोरों तथा कालाबाजारी करने वालों की तलाश में जुट गई हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ सरकार ने 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़े गए 3 व्यक्तियों के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के प्रावधानों के तहत सजा देने का फैसला किया है। सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “राज्य सरकार ने पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जो कोविड-19 दवाओं की कालाबाजारी करते हैं।”
वहीं, पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने कहा कि संकट के इस समय में कोई भी गैरकानूनी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरोपितों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मानवता के खिलाफ एक अपराध है। हम गुरुवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों के खिलाफ एनएसए लगाकर कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार अपने लोगों को रेमडेसिविर दवाएँ और अन्य कोविड से संबंधित दवाओं की उपलब्धता की सुविधा को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बीच एसटीएफ के सूत्रों ने कहा कि वे कोविड से जुड़ी दवाओं की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि कानपुर की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार को 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जो इसकी कालाबाजारी करने में शामिल थे। रेमडेसिविर एक मुख्य दवा है, जिसका उपयोग कोरोना वायरस के उपचार में किया जाता है। लोगों की परेशानी का फायदा उठाकर कुछ लोग इसे ऊँचे दामों में बेच रहे हैं।
गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर 10 नए ऑक्सीजन प्लाँट स्थापित किए जाएँगे। इसमें डीआरडीओ का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा, लखनऊ स्थित अवध शिल्प ग्राम में एच.ए.एल. के सहयोग से एक नया सर्व सुविधायुक्त कोविड हॉस्पिटल तैयार किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग एच.ए.एल. से समन्वय स्थापित कर इस अतिमहत्वपूर्ण कार्य को तत्काल क्रियाशील करे।