Friday, May 3, 2024
Homeदेश-समाजSC ने UAPA आरोपित सिद्दीकी कप्पन को मथुरा जेल से दिल्ली लाने का दिया...

SC ने UAPA आरोपित सिद्दीकी कप्पन को मथुरा जेल से दिल्ली लाने का दिया आदेश, यूपी के वहीं ईलाज की अपील को ठुकराया

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एक कोविड-19 निगेटिव व्यक्ति को विशेष सुविधा देते हुए दिल्ली के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करना न्यायसंगत नहीं है जबकि हजारों कोविड-19 संक्रमित मरीज पहले से ही अस्पतालों में बिस्तरों की कमी से जूझ रहे हैं।

यूपी के हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई रेप और हत्या के मामले में दंगों की साजिश रचने के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन पर UAPA के तहत चार्जशीट दायर की थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेशित किया है कि सिद्दीकी कप्पन को मथुरा जेल से दिल्ली के किसी सरकारी अस्पताल में ईलाज के लिए शिफ्ट किया जाए।

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (KUWJ) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है। न्यायालय ने कहा कि केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को मथुरा जेल से दिल्ली के एम्स, राम मनोहर लोहिया अथवा किसी अन्य सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया जाए।

लाइव लॉ के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एक कोविड-19 निगेटिव व्यक्ति को विशेष सुविधा देते हुए दिल्ली के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करना न्यायसंगत नहीं है जबकि हजारों कोविड-19 संक्रमित मरीज पहले से ही अस्पतालों में बिस्तरों की कमी से जूझ रहे हैं।

सिद्दीकी कप्पन जिस मथुरा जेल में बंद है, वहाँ का उदाहरण देते हुए सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि मथुरा जेल में ही लगभग 50 कोविड-19 संक्रमित मरीज हैं जिनका ईलाज मथुरा अस्पताल में ही चल रहा है। सिद्दीकी कप्पन के ईलाज के विषय में राज्य का पक्ष रखते हुए मेहता ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी चिकित्सकीय आपात स्थिति में मथुरा अस्पताल त्वरित कार्रवाई करते हुए कप्पन की जाँच करेगी।  

हालाँकि सिद्दीकी कप्पन को मथुरा जेल से दिल्ली के अस्पतालों में शिफ्ट किए जाने के विरोध में सॉलिसिटर जनरल मेहता के द्वारा दी गई दलीलों को नजर अंदाज करते हुए मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि न्यायालय ने कप्पन की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा कि जेल में दुर्घटनावश कप्पन चोटिल हुआ है और उसके स्वास्थ्य की रक्षा करना उस राज्य की जिम्मेदारी है जहाँ उसे गिरफ्तार किया गया है।

आपको बात दें कि यूपी के हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई रेप और हत्या के मामले में दंगों की साजिश रचने के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन पर UAPA के तहत चार्जशीट दायर की थी। यूपी के हाथरस में हुए रेप और हत्या के मामले में यूपी एसटीएफ की एक टीम दंगों की साजिश की जाँच कर रही थी जिसको लेकर टीम ने मथुरा कोर्ट में UAPA के तहत एक चार्टशीट फाइल की थी। 

PFI और उस से जुड़े संगठन के 8 आरोपितों के खिलाफ दाखिल की गई 5000 पन्नों की चार्जशीट में यूपी एसटीएफ ने हाथरस में दंगों की साजिश का खुलासा किया था और इसमें सिद्दीकी कप्पन, अतीकुर्रहमान, मसूद अहमद, रउफ शरीफ, अंसद बदरूद्दीन, फिरोज, दानिश का नाम शामिल था। उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से दायर की गई चार्जशीट में कहा गया था कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपित हाथरस में दंगा भड़काना चाहते थे और उसकी साजिश रच रहे थे। चार्जशीट के अनुसार केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन ने ही दंगों की साजिश रची थी और PFI मेंबर रउफ शरीफ इन दंगों की फंडिंग के लिए काम कर रहा था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

तन पर भगवा, हाथों में रुद्राक्ष, हजारों की भीड़ में खड़ा एक साधु… EVM कैसे होता है हैक, PM मोदी ने बंगाल में फिर...

पीएम मोदी ने पूछा कि 'आप मेरे लिए प्रसाद लेकर आए हैं', इसके जवाब में साधु ने हाथ उठाकर अभिवादन किया।

दरबारियों सोनिया जी के बेटे पर कुछ तो रहम करो, थू-थू करवाकर बता रहे हो ‘मास्टरस्ट्रोक’: रायबरेली की जीत से भी नहीं धुलेगा ये...

राहुल गाँधी रायबरेली जीतने में कामयाब भी रहते हैं पर इससे वह दाग नहीं धुलेगा कि उनमें अमेठी के मैदान में अब स्मृति ईरानी का मुकाबला करने की हिम्मत नहीं है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -