Friday, October 18, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयबीवी को 46 बार चाकू घोंप कर मार डाला, 'अच्छे व्यवहार' के लिए मुस्लिम...

बीवी को 46 बार चाकू घोंप कर मार डाला, ‘अच्छे व्यवहार’ के लिए मुस्लिम युवक की सजा तुर्की की अदालत ने घटाई

"वह पिछले दो वर्षों से मेरे करीब तक नहीं आई थी। वह हमेशा मुझसे कचरे की बदबू आने की बात कहकर दूर रहती थी। मुझे इस घटना के लिए खेद है।"

तुर्की की एक अदालत ने अपनी पत्नी की 46 बार चाकू से गोदकर हत्या करने के मामले में एक मुस्लिम युवक बेरिक एर्कोल की आजीवन कारावास की सजा को घटाकर 18 साल 4 महीने कर दिया है।

डोगन समाचार एजेंसी के मुताबिक, मंगलवार (25 मई 2021) को इस मामले में टर्किश कोर्ट ने दोषी को “अन्यायपूर्ण उकसावे” और “अच्छे व्यवहार” के आधार पर अपना फैसला सुनाया है।

बता दें कि यह घटना कोन्या के सेंट्रल अनातोलियन प्राँत की है, जहाँ 18 अगस्त, 2019 को दोषी बेकिर एर्कोल ने अपनी 37 वर्षीय पत्नी टुबा एर्कोल की हत्या कर दी थी।

हत्या से पहले कई बार टुबा एर्कोल ने बेकिर एर्कोल के खिलाफ हिंसा करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद बेकिर एर्कोल के खिलाफ प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया था, लेकिन आदेश जारी होने के चार दिन बाद ही उसने बड़ी ही बेरहमी से अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी।

3 बच्चों का पिता है बेरिक एर्कोल

पत्नी की हत्या का दोषी बेकिर एर्कोल ने घर में झगड़ा होने के बाद अपनी पत्नी के साथ मारपीट की। इस दौरान टुबा एर्कोल ने अपनी जान बचाने के लिए भागकर गेट खोलने की कोशिश की, लेकिन घर के गलियारे में बेरिक ने 46 बार चाकू से गोदकर हत्या कर दिया। इसके बाद वह अपनी बेटी को घर में छोड़कर 2 बेटों के साथ अपनी माँ के घर चला गया और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।

वारदात के बाद अभियोजकों ने एक प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें राक्षसी भावनाओं के साथ पत्नी की हत्या करने वाले बेरिक एर्कोल को उम्रकैद की सजा देने की माँग की गई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजकों ने यह भी दावा किया था कि दोषी किसी भी रूप में सजा कम किए जाने का पात्र नहीं है।

25 मई, 2021 को मामले की आखिरी सुनवाई के दौरान जजों ने शुरू में एर्कोल को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालाँकि, बाद में “अन्यायपूर्ण उकसावे” के आधार पर कोर्ट ने उसकी सजा की अवधि को घटाकर 18 साल और 4 महीने कर दिया। इसमें दोषी के तथाकथित “अच्छे व्यवहार” को भी आधार बनाया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 29 में कहा गया है कि अगर अपराध “एक अन्यायपूर्ण कार्य के कारण क्रोध या गंभीर संकट की स्थिति में” किया गया हो तो आरोपित की सजा को कम किया जा सकता है।

हालाँकि, अनुच्छेद 29 (अन्यायपूर्ण उकसावे) को प्रभावित करने के लिए अपराधी जजों के फैसलों को प्रभावित करने के लिए कई तरह के बहाने बनाने की कोशिश करते हैं।

पत्नी पर लगाया धोखा देने का आरोप

अदालत में सुनवाई के दौरान अपना अंतिम बचाव करते हुए हत्यारोपी बेरिक एर्कोल ने दावा किया कि था उसकी पत्नी ने उसे धोखा दिया। एर्कोल ने कहा, “मुझे इस बात का बेहद अफसोस है। टुबा के धोखे के बारे में घर के सभी लोगों को पता था। वह पिछले दो वर्षों से मेरे करीब तक नहीं आई थी। वह हमेशा मुझसे कचरे की बदबू आने की बात कहकर दूर रहती थी। मुझे इस घटना के लिए खेद है।” बता दें कि बेरिक एर्कोल कचरा ढोने का काम करता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पत्नी सेक्स से करे इनकार, तो क्या पति के पास तलाक ही विकल्प: वैवाहिक बलात्कार पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल, मैरिटल रेप को ‘अपराध’...

सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की माँग करने वालों से पूछा कि यदि पति को सेक्स ना मिले तो क्या उसके पास तलाक ही विकल्प है।

‘उन्हें पकड़ा जरूर, लेकिन मारा नहीं’: सरफराज-तालिब के ‘एनकाउंटर’ पर बोली रामगोपाल मिश्रा की विधवा, परिजन बोले- वे बिरयानी खाकर कुछ दिन में बाहर...

रामगोपाल मिश्रा के सभी परिजन आरोपितों के जिंदा पकड़े जाने से खुश नहीं है। उनका कहना है कि आरोपित कुछ दिन जेल काटेंगे, फिर बिरयानी खाकर छूट जाएँगे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -