राजस्थान में कोरोना वैक्सीन के 500 वॉयल कचरे में मिले होने की खबर सामने आने के बाद वहाँ की कॉन्ग्रेसी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने इसे इसे पूरी तरह से भ्रामक और झूठा बताया है। इसके साथ ही उन्होंने इसका खुलासा करने वाले ‘दैनिक भास्कर अखबार’ के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
ऐसी झूठी अफवाह फैलाने एवं स्वयं की गलत पहचान बताने के लिए संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने उक्त अखबार के प्रबंधन को अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट उपलब्ध करवाकर उचित कार्रवाई के लिए अवगत कराया है। (4/5)
— Dr. Raghu Sharma (@RaghusharmaINC) May 31, 2021
उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि कोरोना वैक्सीन का उपयोग करने के बाद उसे नियमों के तहत मेडिकल संस्थानों में जमा कराया जाता है। हालाँकि, दैनिक भास्कर ने दावा किया है कि उसकी टीम ने 8 जिलों की 35 वैक्सीनेशन सेंटरों से कचरे से 500 वॉयल बरामद किया था, जिनमें करीब 2500 डोज थे।
समाचार पत्र ने दावा किया है कि जिन वायलों को कचरे की पेटी से बरामद किया गया था उनमें बैच नंबर के साथ ही उसे लगाने की तारीख भी दर्ज है। मीडिया संस्थान ने अपनी पड़ताल में इस बात का खुलासा किया था कि जो वायल्स कचरे के ढेर से मिले थे वो 20-75 फीसदी भरे थे।
आँकड़ों के मुताबिक, इसी साल 2021 में 16 जनवरी से लेकर 17 मई तक राज्य में 11.50 लाख से भी अधिक डोज खराब हो गए हैं। वहीं राज्य सरकार केवल 2 फीसदी वैक्सीन के बर्बाद होने का ही दावा करती है।
अब वैक्सीन के ऑडिट का आदेश
वैक्सीन की बर्बादी का मामला उजागर होने के बाद राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव और स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा ने कहा कि शुरुआती जाँच में वैक्सीन बर्बादी नहीं पाई गई है। बावजूद इसके जिन स्थानों पर इसकी बर्बादी की घटनाएँ हुई हैं वहाँ वैक्सीन ऑडिट के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान के चुरू में सबसे ज्यादा 39.7 फीसदी , भरतपुर कमें 17.13 प्रतिशत, कोटा में 16.71 फीसदी, चित्तौड़गढ़ में 11.81 फीसदी , हनुमानगढ़ में 24.60 प्रतिशत, जालौर में 9.63%, सीकर में 8.83%, अलवर में 8.32% और चौलपुर में 7.89 वैक्सीन बर्बाद हो गई थी। इसके अलावा जयपुर प्रथम में 4.67% और द्वितीय में 1.31% वैक्सीन की डोज बर्बाद हो गई।
डेढ़ करोड़ से अधिक वैक्सीनेशन का दावा
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने प्रदेश में 1.66 करोड़ लोगों के टीकाकरण का दावा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि राज्य में 18-44 आयुवर्ग में जीरो वेस्टेज एवं 45 से अधिक आयुवर्ग में वैक्सीन का वेस्टेज 2% से कम है जो केंद्र द्वारा निर्धारित सीमा 10% व वैक्सीन वेस्टेज की राष्ट्रीय औसत 6% से बेहद कम है।
प्रदेश में 1.66 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। यहां 18-44 आयुवर्ग में जीरो वेस्टेज एवं 45 से अधिक आयुवर्ग में वैक्सीन का वेस्टेज 2% से कम है जो केन्द्र द्वारा अनुमत सीमा 10% व वैक्सीन वेस्टेज की राष्ट्रीय औसत 6% से बेहद कम है। राजस्थान वैक्सीनेशन में देशभर में अग्रणी है।(5/5)
— Dr. Raghu Sharma (@RaghusharmaINC) May 31, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सोमवार (31 मई 2021) को राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को वैक्सीन बर्बादी को लेकर एक पत्र लिखा।
केंद्रीय मंत्री ने रघु शर्मा से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह करते हुए पत्र में लिखा, “राजस्थान के लगभग सभी जिलों में, वैक्सीन की बर्बादी राष्ट्रीय औसत 1 फीसदी से काफी ज्यादा है। दैनिक भास्कर के लेख में यह भी बताया गया है कि राज्य में 35 कोविड -19 टीकाकरण केंद्रों के कचरे के डस्टबिन में कोरोना टीकों की 500 से अधिक शीशियाँ पाई गईं।”
राजस्थान के कुछ ज़िलों में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी की ख़बरों को गंभीरता से लेते हुए मैंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री @RaghusharmaINC जी को पत्र लिखकर मामले की जांच करने को कहा है।
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 31, 2021
मैंने वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर बेहतर योजना बनाने को कहा है।@PMOIndia pic.twitter.com/nBsfGGAhtN
उन्होंने कहा, “ये बहुत बड़ी बर्बादी है, आप इससे सहमत होंगे, स्वीकार्य नहीं है।”
इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शर्मा को लिखे पत्र को ट्विटर पर भी शेयर किया और कहा कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से इस मुद्दे पर स्थानीय स्तर पर बेहतर तैयारी करने को कहा है।
एक वैक्सीन बर्बाद होने का अर्थ है एक व्यक्ति को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में अक्षमता :पीएम मोदीजी
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 31, 2021
सभी राज्यों व केंद्र-शासित प्रदेशों को zero vaccine wastage को अपना लक्ष्य बनाना होगा।
इसके लिए दायित्वपूर्ण व्यवहार ज़रूरी है!@PMOIndia @RaghusharmaINC @ashokgehlot51 #COVID19 pic.twitter.com/Qh3NhHT4aN
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का कोट लिखा कि एक खुराक की भी बर्बादी का मतलब किसी व्यक्ति को कोविड -19 से बचाने में विफल हो जाना है।