स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में 14 साल बाद नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क की समीक्षा बहुत जल्द की जाएगी। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एनसीईआरटी के निदेशक ऋषिकेश सेनापति ने खुद अखबार से हुई बातचीत में इसका खुलासा किया है।
खबर के मुताबिक ऋषिकेश बताते हैं कि साल 2005 में जारी हुए पिछले एनसीएफ की समीक्षा का प्रारंभिक कार्य शुरू हो चुका है। इसे लेकर कमिटी भी बहुत जल्द बनाई जाएगी। बता दें एनसीएफ का काम देश में टीचिंग प्रैक्टिस पर दिशा निर्देश देते हुए स्कूल में पढ़ाये जाने वाले पाठ्यक्रम बनाने और पाठ्यपुस्तकों के लेखन की रूपरेखा बनाने का होता है।
NCERT set for mega review of 2005 curriculum guidelines https://t.co/k5baw8Ztjh
— Times of India (@timesofindia) May 18, 2019
एनसीईआरटी निदेशक के मुताबिक उन्होंने पाठ्यपुस्तकों को तर्कसंगत बनाने पर जो कार्य किए हैं, वही 2005 में जारी हुए एनसीएफ की समीक्षा का आधार बनेंगे। उनके मुताबिक समाज में बदलाव की जरूरत है और उनका फोकस ‘एक्पेरिमेंटल लर्निंग’ पर है।
A much needed move by NCERT to revise the age old syllabus and method. Hoping that the new framework brings out a progressive and a more rational method of teaching and learning. #ncert #education
— Snehil Kumar Singh (@snehil0802) May 18, 2019
नवभारत की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद इसे मामले को लेकर आधिकारिक घोषणा होगी। निदेशक सेनापति का कहना है कि इस मामले पर अभिभावकों, छात्रों और बुद्धिजीवियों द्वारा 1 लाख सुझाव दिए गए हैं। इन सुझावों बारीकी से विश्लेषण होगा। इस प्रक्रिया में एक साल तक लग सकता है ।
इसके अलावा साल के अंत तक एनसीईआरटी 42 लाख सरकारी एलीमेंट्री स्कूल के टीचर्स के लिए बड़े ट्रेनिंग प्रोग्राम पर भी विचार कर रहा है। इससे पहले इस तरह का एक प्रोग्राम त्रिपुरा में आयोजित किया जा चुका है जहाँ 3-4 महीने के भीतर 31000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया था।