उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को लेकर विवाद अब भी जारी है। अब उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए CM तीरथ सिंह रावत के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने दावा किया है कि यात्रा के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड के लिए जरूरी है।
बताया जा रहा है कि सोमवार को ही उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा को लेकर कोविड गाइडलाइंस जारी की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि 1 जुलाई से चार धाम की यात्रा शुरू होगी, जबकि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यात्रा पर 7 जुलाई तक की रोक लगाई है।
Uttarakhand government moves Supreme Court against the Uttarakhand High Court order putting a stay on Char Dham Yatra.
— ANI (@ANI) June 30, 2021
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने यात्रा के दौरान पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर असंतोष व्यक्त किया था। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य मंत्रिमंडल के फैसले पर रोक लगा दी थी। इस फैसले में चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के निवासियों को 1 जुलाई से हिमालयी धामों के दर्शन की अनुमति दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि वर्तमान परिस्थितियों में कुछ लोगों की भावनाओं का ध्यान रखने की बजाए कोरोना वायरस के ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप से सबको बचाना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
चार धाम यात्रा का महत्व
स्कंद पुराण के तीर्थ प्रकरण के अनुसार, चार धाम यात्रा को हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। कहा जाता है कि चार धामों के दर्शन करने के उपरांत हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ये चार धाम चार दिशाओं में स्थित है यानी उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण रामेश्वर, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारिका पुरी।