जहाँ एक तरफ हिन्दू गाय को पवित्र मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश के रोहिंग्या मुस्लिम बकरीद के मौके पर गायों की ‘कुर्बानी’ की तैयारी में लगे हैं। बकरीद पर बांग्लादेश के ‘भाषण चार’ क्षेत्र में ही 200 गायों की हत्या की जानी है। ये वही इलाका है, जहाँ रोहिंग्या मुस्लिमों को बसाया गया है। वहाँ की सरकार ने इन रोहिंग्या मुस्लिमों को कमाई के लिए सिलाई मशीन से लेकर अन्य साधन दिए हैं।
इतना ही नहीं, बांग्लादेश की सरकार ने ‘भाषण चार’ द्वीप पर 200 गायों को भेजा है, ताकि ये लोग बकरीद मना सकें। शुक्रवार (16 जुलाई, 2021) को इन गायों को एक जहाज से द्वीप पर लाया गया। इन्हें बोगुरा इलाके से हटिया होकर लाया गया। कई रोहिंग्या मुस्लिमों ने इसके बाद मुल्क की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पोस्टर लेकर ख़ुशी मनाते हुए एक रैली भी निकाली, जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
वीडियो में देखा जा सकता है कि सैकड़ों रोहिंग्या मुस्लिम गायों को माला पहना कर और उनके ऊपर गुब्बारे लगा कर रैली निकाल रहे हैं, जिनमें कई बुर्कानशीं महिलाएँ व बच्चे भी शामिल हैं। इन्होंने हाथ में गुलदस्ते भी ले रखे थे। 200 में से 135 गायों की व्यवस्था स्थानीय अधिकारियों व सरकार ने ‘Islamic Relief’ नामक NGO के माध्यम से की है। बकरीद के दिन इनकी हत्या के बाद बीफ बना कर लोगों में बाँटा जाएगा।
Over 200 cows have been provided for the #Eid celebration of the #Rohingyas staying there. Both the government and aid agencies of foreign and domestic origin have given the cows as gifts.
— The Daily Star (@dailystarnews) July 20, 2021
Watch the ceremonial preparation in Bhasan Char in Star Newsbytes.https://t.co/niN0cY7jEQ
यहाँ के कुल 35 परिवारों में इन गायों के बीफ बाँटे जाएँगे। अनुमान है कि प्रत्येक परिवार को 2 किलो बीफ मिलेगा। जब इन गायों को लाया गया और जहाज से उतारा जा रहा था, तब कुछ वरिष्ठ अधिकारी मौके पर इसकी निगरानी के लिए मौजूद थे। इसके अलावा यही NGO ‘कॉक्स बाजार’ के रोहिंग्या मुस्लिमों को भी 375 गायें दे रहा है। साथ ही रोहिंग्या कैम्पस के आसपास रहने वाले मूलनिवासियों को भी 150 गायों की बीफ दी जाएगी। इस तरह कुल 725 गायें रोहिंग्या व इनके मेजबानों को दी गई हैं।
बता दें कि कॉक्स बाजार में ही अधिकतर रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं, जिनमें से 18,521 को 8 चरणों में भाषण चार द्वीप पर लाया जा चुका है। बाकी के बचे 80,000 को भी इस वर्ष सितंबर तक द्वीप पर लाकर बसाने की योजना है। बांग्लादेश एक मुस्लिम मुल्क है और वहाँ से बकरीद के दौरान खून से नहीं सड़कों की तस्वीरें अक्सर वायरल होती हैं। हालाँकि, पेटा जैसे कथित पशु-अधिकार संगठन इस पर नहीं बोलते।