Sunday, September 8, 2024
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खुले मंच से हिंदुओं के लिए घृणा, PM मोदी और अमित शाह के लिए बहुत ही गंदी बात: पादरी जॉर्ज पोन्नैया गिरफ्तार

“नरेंद्र मोदी का आखिरी दिन सबसे दयनीय होगा। मोदी और अमित शाह के सड़े शरीर को कुत्ते और कीड़े खाएँगे... हम चप्पल पहनते हैं ताकि हमारे पैर गंदे न हों और भारत माता के कारण हमें कोई बीमारी न हो।”

तमिलनाडु के कन्याकुमारी में एक रोमन कैथोलिक पादरी को धार्मिक समूहों के बीच नफरत और दुश्मनी फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, डीएमके नेता एवं अन्य के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

‘जनन्याग क्रिस्थुवा पेरवई अमाईपु’ नामक NGO के सलाहकार व ईसाई पादरी जॉर्ज पोन्नैया (George Ponniah) ने कन्याकुमारी के अरुमनई में आयोजित एक सभा में बात करते हुए हिंदू विरोधी टिप्पणी किया था। इसके साथ ही भाषण में, उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि चर्च ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में डीएमके के पक्ष में वोटों का प्रचार किया था।

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में द्रमुक की जीत ‘ईसाइयों और मुसलमानों द्वारा दी गई भीख’ थी। उन्होंने हिंदू धर्म, PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बारे में भी अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “नरेंद्र मोदी का आखिरी दिन सबसे दयनीय होगा। मैं लिखकर दे सकता हूँ। अगर जिन भगवान को हम पूजते हैं वो सच में जिंदा हैं तो इतिहास देखेगा कि मोदी और अमित शाह के सड़े शरीर को कुत्ते और कीड़े खाएँगे।”

इसके अलावा उन्होंने नागरकोली के भाजपा विधायक एम आर गाँधी पर तंज कसते हुए कहा था, “वो इसलिए चप्पल नहीं पहनते क्योंकि वो भारत माता को दर्द नहीं देना चाहते और हम लोग इसलिए चप्पल पहनते हैं ताकि हमारे पैर गंदे न हों और भारत माता के कारण हमें कोई बीमारी न हो।”

मामले में भाजपा सहित कई लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, अरुमनई पुलिस ने उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए, 295 ए, 505 (ii) और 506 (i) के तहत मामला दर्ज किया। इसके अलावा उन पर आईपीसी की धारा 269 और 143 व महामारी रोग अधिनियम की धारा 3 के तहत बैठक आयोजित करने, प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए भी मामला दर्ज किया गया था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाषण की वीडियो वायरल होने के बाद पादरी का जो विरोध शुरू हुआ, उसे देख उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफी माँग ली थी। उनका तर्क था कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें कुछ भाग को एडिट करके बढ़ाया जा रहा है ताकि मामले को दूसरा एंगल दिया जा सके।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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