उत्तर प्रदेश सरकार ने मुस्लिम संस्था देवबंद में आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) की स्थापना करने का ऐलान किया है, जिसका समाजवादी पार्टी ने कड़ा विरोध किया है। सपा ने योगी सरकार पर मुस्लिमों को डराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। दरअसल, दारुल उलूम देवबंद भारत का सबसे बड़ा इस्लामिक मदरसा है, जो कि कई बार आतंकी घटनाओं के मामलों में भी सामने आ चुका है।
योगी सरकार के देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर बनाने के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इसको लेकर जानकारी देते हुए बताया कि आतंकवाद निरोधी अभियानों में तेजी लाने के लिए केवल देवबंद में ही नहीं, बल्कि मेरठ, बहराइच और श्रावस्ती व जेवर में भी एटीएस की इस तरह की इकाइयों की स्थापना की जा रही है। इसके लिए तैयारी भी शुरू हो चुकी है। एडीजी के मुताबिक, देवबंद में एटीएस का सेंटर बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हम अपनी पकड़ और अधिक मजबूत कर पाएँगे।
हालाँकि, सरकार के इस फैसले से समाजवादी पार्टी नाखुश है। सपा के विधायक दल के नेता रामगोविंद चौधरी का कहना है कि देवबंद इस्लामिक शिक्षा का बड़ा केंद्र है, जो कि दुनियाभर में धार्मिक शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में एटीएस कमांडो सेंटर स्थापित कर योगी सरकार मुस्लिमों को डरा रही है। रामगोविंद का आरोप है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की जनसंख्या काफी अधिक है इसीलिए ऐसा किया जा रहा है।
फिलहाल, दारुल उलूम देवबंद की 2000 वर्ग मीटर की जमीन को सरकार ने एटीएस को ट्रांसफर कर दिया है।
गौरतलब है कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर एटीएस सेंटर बनाए जाने की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि इसके लिए युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है और प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ़ दर्जन तेज-तर्रार ATS अधिकारियों की यहाँ तैनाती की जाएगी। बता दें कि देवबंद में ही ‘दारुल उलूम’ स्थापित है, जहाँ से इस्लामी देवबंदी अभियान शुरू हुआ था। तालिबान को भी इसी विचारधारा से प्रेरित बताया जाता है। आतंक के मामले में भी देवबंद बदनाम रहा है।