13 साल पहले एक अफगान दुभाषिए (Interpreter) ने जो बायडेन की कड़ाके की ठंड में 30 घंटे खड़े होकर रक्षा की थी, आज वही शख्स जो बायडेन से अपने परिवार के लिए मदद माँग रहा है। मोहम्मद नाम के इस व्यक्ति ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन से अपने परिवार की सुरक्षा की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा है- “यहाँ मुझे भूलिए मत।”
तालिबान के आने के बाद से मोहम्मद, उनकी बीवी और 4 बच्चे छिपते घूम रहे हैं। उनका दावा है कि उन्होंने साल 2008 में तत्कालीन सेनेटर बायडेन और पूर्व सेनेटर चक हेगल, आर-नेब और जॉन केरी, डी-मास को बचाने में मदद की थी। उस समय बर्फीले तूफान के कारण उनके हेलीकॉप्टर को लैंड करना पड़ा था। वह तब अफगान के सुदूर घाटी में फँसे थे।
“Don’t forget me here.”
— News18.com (@news18dotcom) September 1, 2021
Mohammed, an Afghan interpreter who helped rescue Joe Biden 13 years ago in Afghanistan is imploring the US President for help as American troops left behind countless Afghan allies like him.https://t.co/lMVJrPShEA
मोहम्मद तब यूएस आर्मी के लिए दुभाषिए के तौर पर काम करते थे। उन्होंने अफगान फौजियों और यूएस सैनिकों के साथ तब कड़ाके की ठंड में खड़े होकर तीन देश के नेताओं की मदद की थी। आज वह कहते हैं, “मैं अपना घर नहीं छोड़ सकता। बहुत डरा हुआ हूँ।” जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद ने ये आपबीती वॉल स्ट्रीट जर्नल को अपना पूरा नाम न बताने की शर्त पर सुनाई है।
आज अफगान के हालात बदलने के बाद ऐसा लगता है कि देर-सवेर ही सही मोहम्मद के द्वारा की गई अपील सुन ली गई है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिका उन्हें और उनके परिवार को देश से निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साकी ने कहा, “हम आपको बाहर निकालेंगे, हम आपकी सेवा का सम्मान करेंगे, और हम ठीक ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उल्लेखनीय है कि मोहम्मद की तरह अफगानिस्तान में कई लोग हैं जिन्होंने कभी अमेरिकी सेना की मदद की थी लेकिन अब वह तालिबान के डर में छिपे हैं। मोहम्मद और उनके जैसे लोगों को अप्रवासी वीजा की दिक्कत आ रही है। मोहम्मद की वीजा एप्लीकेशन में होती लेट का कारण बताया जा रहा है कि उनके डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर जिसके लिए उन्होंने काम किया, उसने रिकॉर्ड गुमा दिया है। मोहम्मद ने, हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से भी जाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें कहा गया कि उन्हें तो अफगानिस्तान से ऐसे ले जाया जा सकता है लेकिन उनके परिवार को नहीं।