महाराष्ट्र के नागपुर में गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन जमात-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग से जुड़ी कुछ मुस्लिम महिलाओं को शनिवार (4 सितंबर) को 15-25 साल की हिंदू लड़कियों को पर्चे बाँटते और उनसे हिजाब पहनने का आग्रह करते हुए देखा गया।
#Nagpur Walkers street…. 6 – 7 peaceful Girls are trying to convince Hindu girls to wear Hijab and how to wear hijab.#Secularism pic.twitter.com/Y4ocN2iJ0c
— भारत पुनरुत्थान Bharata Punarutthana (@punarutthana) September 4, 2021
पैम्फलेट में 15-25 साल की हिंदू लड़कियों से ‘कुरान और सुन्नत का ज्ञान फैलाने’ के लिए भी आग्रह किया गया। यह घटना कथित तौर पर नागपुर में CM आवास के पास वॉकर स्ट्रीट पर हुई। कुछ स्थानीय लोगों ने नाबालिग लड़कियों को इस तरह से हिजाब पहनाने पर आपत्ति जताई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। बताया जा रहा है कि नागपुर में 20 अलग-अलग जगहों पर इस तरह की घटनाएँ हुई हैं।
Same incident captured.same kind of incident I shared on my TL.
— ηιℓιмα (@Nilima_W) September 4, 2021
This kind of incidents happened in 20 different places at Nagpur.
ह्या हिन्दु मुलींचे विचर ऐका 😡😡😡👇 pic.twitter.com/WJiwv8gYPM
वीडियो में आप देख सकते हैं कि जब लोगों ने मुस्लिम महिलाओं को इस तरह से हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने से रोका, तो वे उन पर भड़क गईं। इस्लाम मजहब में महिलाओं को आमतौर पर हिजाब पहनना पड़ता है। लेकिन हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने के लिए इकट्ठा हुईं ये मुस्लिम महिलाएँ स्थानीय लोगों पर चिल्लाने लगीं और उनसे बहस करने लगीं, क्योंकि उन्होंने उन्हें ऐसा करने से रोका। उस दौरान तीन हिंदू लड़कियों में से एक नाबालिग लड़की ने कहा कि उसने अपनी मर्जी से हिजाब पहना है।
दिलचस्प बात यह है कि हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए 4 सितंबर को पैम्फलेट बाँटे गए, जिसमें ‘हिजाब दिवस’ लिखा गया था। जबकि तथाकथित विश्व हिजाब दिवस हर साल 1 फरवरी को पड़ता है। इसके बाद स्थानीय लोग शिकायत दर्ज कराने थाने पहुँचे।
.. @Dev_Fadnavis sir 🙏🏻
— SDeshmukh (@SDesh01) September 4, 2021
This is the situation in Nagpur where girls are forced to wear hijab by other women that too in front of CM @OfficeofUT‘s bunglow, Civil Lines.
Kindly look into the matter.@SunainaHoley pic.twitter.com/lfNMrXqzaP
स्थानीय निवासियों में से एक ने कहा कि वे सीएम आवास के पास टहलने गए थे, जहाँ उन्होंने देखा कि हिजाब पहने हुए 15-20 मुस्लिम महिलाओं ने 3-4 हिंदू लड़कियों को रोका और उनसे हिजाब पहनने का आग्रह करने लगी। उन्होंने कहा कि जब हमने उन्हें ऐसा करने से रोका तो वे कहने लगीं कि 4 सितंबर ‘विश्व हिजाब दिवस’ था और इस दिन कोई भी हिजाब पहन सकता है। हालाँकि, हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ‘विश्व हिजाब दिवस’ हर साल 1 फरवरी को पड़ता है।
उन्होंने कहा, ”कुछ महिलाओं ने यहाँ तक दावा किया कि वे हिंदू हैं और अपनी मर्जी से हिजाब पहन रही हैं, लेकिन वो झूठ बोल रही थीं। जब मुस्लिम महिलाएँ वहाँ से चली गईं, तो हमने हिंदू लड़कियों को हिजाब उतारने को कहा।”
शिकायत करने वाले लोगों ने आगे बताया कि ये (मुस्लिम) महिलाएँ फिर सीएम बंगले की ओर थोड़ा आगे बढ़ीं, जहाँ उनके पति या भाई स्कूटर पर उनका इंतजार कर रहे थे। वे तुरंत स्कूटर पर बैठकर वहाँ से चली गईं। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने इस बारे में पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद वह मौके पर पहुँची। मुस्लिम महिलाओं द्वारा बाँटे गए पर्चे पुलिस को सौंप दिए हैं।
विहिप (विश्व हिंदू परिषद) के एक नेता ने कहा कि वे इस तरह की घटनाओं की निंदा करते हैं और यह शर्म की बात है कि नागपुर में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जो अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के दौरान देखने को मिल रही है। फिलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
बता दें कि गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन जमात-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग है, जो एक इस्लामिक संगठन है। इसका गठन 1948 में जामिया नगर दिल्ली में हुआ था। यह जमात-ए-इस्लामी के एक ऑफ-शूट के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे 1947 में भारत के विभाजन के बाद अलग-अलग संगठनों में विभाजित किया गया था। जमात-ए-इस्लामी हिंद को भारत सरकार द्वारा दो बार प्रतिबंधित भी किया जा चुका है।