राँची के एक कोर्ट द्वारा कुरान बाँटने के दिए गए आदेश को ठुकरा कर चर्चा में आई झारखंड की ऋचा भारती अपने पिता के हत्यारे को अभी तक नहीं पकड़े जाने पर बिहार सरकार के प्रति नाखुशी जाहिर की है। बता दें कि फरवरी में बिहार के नालंदा में ऋचा भारती के पैतृक गाँव में उनके पिता प्रकाश उर्फ़ मोहन कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। अभी तक पुलिस इन हत्यारों को पकड़ नहीं पाई है।
अपने पिताजी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए मैंने एक ट्वीट किया था लेकिन उस ट्वीट पर बिहार पुलिस और वहाँ की सरकार कोई करवाई नहीं कर रही है मुझे न्याय चाहिए क्योंकि मेरे पिताजी की हत्या हुए नौ महीने हो गए हैं और सभी अपराधी आजाद घूम रहे हैं सुशासन बाबु @NitishKumar जी के सरकार में pic.twitter.com/NLEzIDx6VJ
— Richa Bharti (@bricha645) October 1, 2021
ऋचा भारती ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अपने पिताजी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए मैंने एक ट्वीट किया था, लेकिन उस ट्वीट पर बिहार पुलिस और वहाँ की सरकार कोई करवाई नहीं कर रही है। मुझे न्याय चाहिए क्योंकि मेरे पिताजी की हत्या हुए नौ महीने हो गए हैं और सभी अपराधी आजाद घूम रहे हैं सुशासन बाबू नीतीश कुमार जी की सरकार में।”
ऋचा भारती ने फोन पर ऑपइंडिया को बताया, “जब लोग बिहार में सुशासन के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और सम्मानपूर्वक नीतीश कुमार को सुशासन बाबू कहते हैं तो मुझे रोना आता है, क्योंकि मैं देखती हूँ कि जिन्होंने मेरे पिता मोहन कुमार की बेरहमी से हत्या की थी, वे खुलेआम घूम रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं दोष नहीं दे रही, लेकिन मुझे संदेह है कि नालंदा के डीएसपी मोहम्मद शिबली नोमानी के दिमाग में कुछ है। वह न्याय करते नहीं दिख रहे हैं। इस मामले में कुल नौ आरोपित हैं। कोर्ट ने मार्च में पाँच आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।” बता दें कि ये पाँच आरोपित चंद्रमौली प्रसाद, कारू कुमार, देवनारायण प्रसाद, लल्लू प्रसाद और सल्लू प्रसाद हैं।
ऋचा ने कहा, “कुल नौ आरोपित हैं लेकिन वारंट केवल पाँच के खिलाफ जारी किया गया था। हमें यह नहीं बताया गया है कि पुलिस ने बाकी चार के खिलाफ वारंट क्यों जारी नहीं किया और गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। मुझे संदेह है कि क्या नालंदा पुलिस और डीएसपी इन आरोपितों को भी बचाने की कोशिश कर रहे हैं।” ऋचा ने कहा कि इन आरोपितों ने सरमेरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत उनकी माँ मीना देवी, बहन रचना भारती और दादा नंदलाल प्रसाद के सामने उनके पिता की हत्या कर दी।
यह पूछे जाने पर कि उन्हें संदेह क्यों है कि मोहम्मद शिबली नोमानी उनके और उनके परिवार के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रहे हैं, उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि डीएसपी मेरी पृष्ठभूमि को नापसंद करते हैं। मैं एक राष्ट्रवादी हूँ और मुझे एक बार अनावश्यक रूप से एक विवाद में घसीटा गया था, जब राँची की अदालत ने मुझे पवित्र कुरान की पाँच प्रतियाँ वितरित करने के लिए कहा था। लेकिन वह एक अलग मामला था जिसका मेरे पिता की हत्या की चल रही जाँच से कोई लेना-देना नहीं है।”
उन्होंने कहा कि वह अपने पिता के न्याय के लिए दर-दर भटक रही है लेकिन उनकी अपील पुलिस और डीएसपी को सुनाई नहीं पड़ रही है। ऋचा ने कहा, “मेरे पिता की हत्या के बाद नालंदा में कई हत्या के मामले हुए और मैंने देखा कि कैसे पुलिस ने 10 दिनों के भीतर इन मामलों में आरोपितों को जल्दी से गिरफ्तार कर लिया। मेरे पिता की हत्या करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं। मैं हैरान हूँ।”
गौरतलब है कि राँची के पिथौरिया गाँव की यह 21 वर्षीय साधारण लड़की जुलाई 2019 में तब सुर्खियों में आई थी, जब राँची की एक अदालत ने उन्हें कथित रूप से सांप्रदायिक टिप्पणी करने के लिए पवित्र कुरान की पाँच प्रतियाँ वितरित करने का निर्देश दिया था। ऋचा ने यह कहते हुए अदालत के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया था कि क्या पता भविष्य में उसे नमाज़ पढ़ने के लिए कहा जाए या इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए कहा जाए। उन पर एक फेसबुक पोस्ट में इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया गया था। अदालत के आदेश की व्यापक रूप से आलोचना की गई थी, जिसके बाद अदालत ने अपना आदेश वापस ले लिया था।
पिता की हत्या के बाद परिवार को उनकी जान का डर सता रहा है। उनकी माँ, छोटा भाई और बहन राँची में रहते हैं लेकिन वह गुजरात चली गई हैं, जहाँ वह अपने मामा के साथ रह रही है। उन्होंने कहा, “मैंने अपने लिए लड़ाई लड़ी थी और गुजरात में रहते हुए मैं अपने पिता के लिए लड़ रही हूँ।”