कोरोना से हुई मौतों के आँकड़ों में हेरफेर करने का आरोप झेल रही केरल सरकार आखिरकार बैकफुट पर आ गई है। विपक्ष की तीखी आलोचना के बाद राज्य सरकार ने फैसला किया है कि 7000 मृतकों को भी कोरोना से हुई मौतों की सूची में शामिल किया जाएगा। इन आँकड़ों को शामिल करने के बाद राज्य में कोरोना के कारण हुई मौतों की संख्या 33 हजार पहुँच जाएगी। जबकि, यह अभी 26 हजार है। देश में अभी भी केरल में कोरोना के सबसे अधिक मामले हैं।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार (अक्टूबर 8, 2021) को राज्य विधानसभा में और मौतों को शामिल के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि संबंधित रिकॉर्ड की जानकारी न होने के कारण इन मौतों को कोविड -19 मौतों के आधिकारिक आँकड़ों में शामिल नहीं किया गया था। मंत्री ने कहा, “यदि लिस्ट में चूंक के बारे में कोई शिकायतें हैं, तो स्वास्थ्य विभाग उन पर गौर करने के लिए तैयार है।”
जानकारी के मुताबिक, जो 7000 मौतें राज्य की सूची में जोड़ी जाएँगी वह जून के दूसरे सप्ताह तक होंगी। अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार नए आँकड़ों को शामिल करके अंतिम सूची का आंकलन कर रही है। सही आँकड़े जल्द ही पेश किए जाएँगे। उस समय तक, राज्य मेडिकल बोर्ड मौतों की समीक्षा करता था और फाइनल लिस्ट की घोषणा करता था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना की थी। बोर्ड ने कथित तौर पर उन मरीजों को लिस्ट में शामिल नहीं किया जिनका संक्रमित होने के बाद कोविड रिजल्ट नेगेटिव आया था और फिर कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई जटिलताओं के कारण उनकी मृत्यु हो गई। जून के दूसरे सप्ताह से, बोर्ड द्वारा मौतों की समीक्षा करने की प्रक्रिया को रोक दिया गया और अस्पतालों ने सीधे मृत्यु संख्या अपलोड करना शुरू कर दिया।
हालाँकि राज्य सरकार ने स्वीकार किया है कि राज्य में कोविड -19 से हुई मौतों को कम करके रिपोर्ट किया गया, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने विपक्ष के इस आरोप का खंडन किया कि यह जानबूझ कर किया गया था। वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा,“इतने सारे लोगों की मौतों को टैली से बाहर करने का कोई जानबूझ कर प्रयास नहीं किया गया था। हम कोविड -19 मौतों के संबंध में आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं, लेकिन कुछ तकनीकी गड़बड़ियों के कारण इन मौतों का आँकड़ा छूट गया। हम सूची को फिर से संशोधित करेंगे।”