विनायक दामोदर सावरकर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयानों के बाद से सोशल मीडिया पर बहस का दौर जारी है। सोशल मीडिया यूजर्स NCERT की किताबों के कई चैप्टर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ये उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे इसमें इस्लाम का महिमामंडन किया गया है।
वरिष्ठ लेखक और वीर सावरकर पर वृहद शोध करके दो पुस्तकें लिख चुके विक्रम संपत ने इस बारे में ट्विटर थ्रेड के जरिये कई सारी बातों पर ध्यान दिलाया है और NCERT की किताबों में इस्लाम के घुसपैठ को उजागर करने की कोशिश की है। स्कूल की इन किताबों में इस्लाम का महिमामंडन किया गया है, जबकि मौर्य, मराठा, राजपूत, अहोम, चोल, विजयनगर और गुप्त साम्राज्यों के बारे में पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति की गई है।
On Cholas in same chp they apparently had 400 types of oppressive taxes- of course jizia later was benign! Cholas are disposed off in 3 pages flat. Apparently Mahmud Ghazni was v interested in finding out more about the ppl he conquered & so got Albiruni to write a book (pg 21)+
— Dr. Vikram Sampath, FRHistS (@vikramsampath) October 13, 2021
बीजेपी के दिल्ली प्रदेश प्रवक्ता अजय सेहरावत ने 12वीं कक्षा के इतिहास की पुस्तक के एक पेज का स्क्रीनशॉट शेयर किया। इसमें बताया गया है कि उदारवादी हिंदुओं को इस्लाम के ‘समानता, भाईचारे और एक ईश्वर’ के सिद्धांतों ने आकर्षित किया। अजय ने कहा कि यही वजह है कि आज की युवा पीढ़ी हिंदू संस्कृति की आलोचना करती है।
History book of 12th standard @ncert justifying on how people got converted to ‘Peaceful religion’. This is the reason, why the young generation criticises Hindu culture and become wokes. pic.twitter.com/KlqtwMa0K9
— Ajay Sehrawat (@IamAjaySehrawat) October 14, 2021
अनीश गोखले ने भी किताब के इस पन्ने को शेयर किया।
How much nonsense can you write in ten lines ?
— Aneesh Gokhale (@authorAneesh) October 14, 2021
Here is the winner from NCERT : pic.twitter.com/Ufd5DPk8dX
विष्णुुकांत सिंह ने लिखा कि काफी पहले से ही बच्चों का ब्रेनवॉश किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने किताब के दो पन्नों का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें मुस्लिम को अच्छा और हिंदू को बुरा दिखाने की कोशिश की गई है।
NCERT is brainwashing students from the very beginning it nowt new , these are just two instances among many 😡 pic.twitter.com/0mj4MTI76e
— BishnuKant Singh (@Bishnukantkuma6) October 14, 2021
विक्रम संपत के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनंदा वशिष्ठ ने कहा कि हम सभी NCERT की किताबें पढ़कर बड़े हुए हैं। हम सभी जानते हैं कि इसमें हमने विजयनगर के बारे में इससे ज्यादा नहीं पढ़ाया कि यह दक्षिण में कहीं स्थित है। चोल वंश के बारे में शायद एक लाइन पढ़ने को मिल भी जाए, लेकिन राष्ट्रकूटों के बारे में तो वो भी नहीं।
We are all products of NCERT. We all know that we never studied Vijaynagara Empire beyond the point that it existed somewhere in South. We read a sentence maybe on Cholas.. nothing on Rashtrakutas.. anybody saying otherwise is being intellectually dishonest. https://t.co/NyJXjyfyr6
— Sunanda Vashisht (@sunandavashisht) October 13, 2021
मानस रोबिन ने लिखा, “शक्तिशाली अहोम ने 600 गौरवशाली वर्षों तक शासन किया। असम के सबसे महान योद्धा लचित बरफुकन ने सरायघाट के प्रसिद्ध युद्ध में मुगलों को हराया। लेकिन शर्मनाक तरीके से एनसीईआरटी ने 600 साल के लंबे इतिहास को एक छोटे से पैराग्राफ में समेट दिया। वामपंथी इतिहासकारों ने दशकों तक हम सबको बेवकूफ बनाया।”
The mighty Ahom ruled for 600 long glorious years. The greatest warrior of Assam Lachit Barphukan defeated the Mughals at the famous Battle of Saraighat. But shamefully NCERT summed up a long 600 years history in a small paragraph. The leftist historians fooled us all for decades pic.twitter.com/ETVNTz2ayD
— Manas Robin (@manas_robin) October 14, 2021
I don’t even Know Ahom Dynasty, hardly can tell names of South Indian rulers, but I can tell Mughal rulers in chronological order along with what they built. Why NCERT why..!!!???? https://t.co/BTRm7kEomO
— Brigadier Rudra Pratap Singh (@sobersharabi) October 14, 2021
एक यूजर ने लिखा, एनसीईआरटी की किताबें ईसाई युग का उल्लेख करती हैं लेकिन बच्चों को शास्त्रीय भारतीय युग जैसे विक्रम, शक या कोल्लम युग के बारे में नहीं बताती है।
NCERT books mention Christian Era but does not educate the kids about Classical Indian Eras such as Vikrama, Saka Era or even Kollam Era.https://t.co/gSFWzmyZXd pic.twitter.com/wcKP81mJoU
— rataxes (@RataxesRules) October 14, 2021
Just NCERT things pic.twitter.com/dEaoAWf8nr
— Maulana Dedpool (72 Hur stan) (@ravanfanclub) October 2, 2021
इसी तरह एक यूजर ने किताब के एक पन्ने का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए बताया कि किसा तरह से हिंदू त्योहार दिवाली को लेकर नकारात्मकता फैलाई जाती है, जबकि ईद या बकरीद के लिए ऐसा नहीं होता।
How subtly they are changing the minds of the young about Diwali celebrations. Its from a NCERT book available online.
— Flowers of the Field 🇮🇳 (@FlowersofdField) October 14, 2021
No such negative thoughts are mentioned for Id or Chritmas. Would have understood if Salma too didn’t like to have mutton as the bakri was sacrificed on Id. pic.twitter.com/Zrg40vJWKU
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार (अक्टूबर 13, 2021) को उदय माहुरकर की पुस्तक ‘Savarkar: The Man Who Could Have Prevented Partition‘ की लॉन्च में कहा कि विनयाक दामोदर सावरकर के ‘दया याचिका’ दायर करने को लेकर झूठ फैलाया गया, उसे गलत तरीके से पेश किया गया।
उन्होंने दावा किया कि सावरकर ने जेल में सजा काटते हुए अंग्रेजों के सामने दया याचिका महात्मा गाँधी के कहने पर दाखिल की थी। राजनाथ सिंह ने कहा था, “महात्मा गाँधी ने अपनी ओर से ये अपील की थी कि सावरकर जी को रिहा किया जाना चाहिए। जैसे हम आज़ादी हासिल करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं, वैसे ही सावरकर भी आंदोलन चलाएँगे। लेकिन उन्हें बदनाम करने के लिए कहा जाता है कि उन्होंने माफी माँगी थी, अपने रिहाई की बात की थी जो बिलकुल बेबुनियाद है।”
वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सावरकर को सच्चा देशभक्त और बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बताते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद वीर सावरकर को बदनाम करने के लिए तेजी से मुहिम चल रही है।