देश में खुद को अल्पसंख्यक बताने वाले मुस्लिमों को कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता के रहमान खान ने आईना दिखाया है। उन्होंने शनिवार (23 अक्टूबर 2021) को कहा कि देश में मुस्लिम अब अल्पसंख्यक नहीं रहे। उन्होंने कहा कि 22 करोड़ लोग अल्पसंख्यक कैसे हो सकते हैं। अब इन्हें राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी देनी चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने ‘इंडियन मुस्लिम्स: द वे फॉरवर्ड’ भी लिखी है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को समाज के विकास में योगदान देकर अच्छा नागरिक बनना चाहिए। सरकार से माँगने के बजाय अब समाज को देना चाहिए। कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के अनुसार, अगर कोई तबका पिछड़ा है और उसे मदद की जरूरत होती है तो इसके लिए संविधान ने सरकार को सकारात्मक तरीके से कार्रवाई करने का अधिकार दिया है।
रहमान खान कर्नाटक के हंगल और सिंदगी सीटों पर 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए मुस्लिमों के समर्थन पर कॉन्ग्रेस और जेडीएस के आरोप-प्रत्यारोप पर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने राजनेताओं पर वोट बैंक के लिए मुस्लिमों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
कॉन्ग्रेस को बताया धर्मनिरपेक्ष
मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता ने कॉन्ग्रेस पार्टी को धर्मनिरपेक्ष बताया और दावा किया कि कॉन्ग्रेस बीते 70 साल से धर्मनिरपेक्षता की रक्षा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कॉन्ग्रेस आज सेक्युलर नहीं रहेगी तो उसके पास राष्ट्र को देने के लिए कुछ भी नहीं रहेगा।
संविधान को संरक्षक बताते हुए रहमान खान ने कहा कि संविधान कोई राजनीतिक दल नहीं है। यही हमारा संरक्षक है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी पार्टी में शामिल हो सकता है, लेकिन वो ये दावा नहीं कर सकता कि मुस्लिम उसके साथ हैं।