रविंद्र पुरी को ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद’ का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के बाद ये पद खाली हुआ था। रविंद्र पुरी ने ऐलान किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दोबारा सत्ता में लाना साधु-संतों का फ़िलहाल सबसे बड़ा लक्ष्य है। प्रयागराज के दारागंज में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी महाराज को सोमवार (25 अक्टूबर, 2021) को अखाड़ा परिषद का मुखिया चुना गया।
रविंद्र पुरी ने अध्यक्ष बनने के बाद ऐलान किया कि साधु-संतों का समर्थन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ है। उन्होंने कहा, “योगी ही ऐसे हैं, जो साधु-संतों के मापदंडों पर खरे उतरते हैं, क्योंकि वह एक संत हैं। इसलिए, हम लोग हमेशा योगी आदित्यनाथ का समर्थन करते रहेंगे और लोगों से अपील करेंगे कि वह भी योगी आदित्यनाथ का समर्थन करें।” 13 में से 8 अखाड़ों के समर्थन से रविंद्र पुरी अध्यक्ष बने हैं।
अखाड़े के महामंत्री हरि गिरी ने बताया कि जहाँ 7 अखाड़ों ने बैठक में अपने प्रतिनिधि भेजे थे, निर्मोही अखाड़ा के मदन मोहन दास ने पत्र भेज कर बैठक को समर्थन दिया। रविंद्र पुरी ने कहा कि अखाड़ा के नियम व परंपरा अनुसार ही ये चुनाव हुआ है। हरि गिरी ने कहा कि नियमानुसार महेंद्र गिरी का कार्यकाल बचा होने तक निरंजनी अखाड़े से ही किसी को ये पद दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जो नाराज़ हैं, उन्हें मना लिया जाएगा।
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— TV9 Uttar Pradesh (@TV9UttarPradesh) October 25, 2021
'बीजेपी राम की पार्टी'
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का बयान, खुद को बीजेपी का पुराना समर्थक बताया। कहा- कई राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में खुलकर प्रचार करेंगे, बीजेपी को राम की पार्टी बताया।#ravindrapuri #BJP pic.twitter.com/oSRNxX0oTz
हरिद्वार में 24 अक्टूबर को एक अन्य गुट द्वारा बुलाई गई बैठक पर उन्होंने कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है। साधु-संतों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ही हैं जो राम मंदिर बनवा सकते हैं, वरना किसी और के सत्ता में आने से ये काम रुक जाएगा। सभी ने एकमत से कहा कि सीएम योगी सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय की बात करते हुए सब को साथ लेकर चलते हैं। रविंद्र पुरी ने कहा कि देश-प्रदेश की समस्याओं के समाधान के लिए मोदी और योगी सरकार अच्छा कार्य कर रही है।
‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद’ के नए अध्यक्ष ने कहा, “कॉन्ग्रेस मुक्त भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने के हम साथ हैं। सनातन की रक्षा तभी होगी, जब BJP सरकार आएगी। उत्तराखंड में भी भाजपा को फिर से लाना है। जो राम को मानता है, हम उसके ही साथ हैं। कुंभ जैसे पहले होता आया है, वैसे ही होगा।” बैठक में बद्रीनाथ का नाम बदलने की साजिश का आरोप लगाते हुए देवबंद के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही ये माँग भी उठी कि कई साधु-संतों के लापता होने और उनकी हत्याओं पर CBI जाँच कराई जाए।