केरल के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से जुड़े छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने त्रिशुर स्थित श्री केरल वर्मा कॉलेज में आपत्तिजनक और अश्लील पोस्टर लगाकर ना भारतीय परंपरा और कानून की धज्जियाँ उड़ाई है। एसएफआई एक पोस्टर में ‘सेक्सुअल लिबरेशन’ के नाम पर अश्लीलता प्रदर्शित किया है। इन पोस्टरों में ना सिर्फ राष्ट्रवाद को गाली दी गई है, जेहाद को महिमामंडित किया गया है। पोस्टर में हिंदुबोफिया भी स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है। ये पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखा है।
Submitted complaint to @NCWIndia against SFI Kerala for posters in colleges depicting women as obscene,vulgar objects which is not only immoral but illegal also.
— Monika Arora (@advmonikaarora) October 30, 2021
It shows women in poor light&risks their lives to sexual predation@kumarnandaj@GIA_Women@deepti_du @sonalimiranda pic.twitter.com/mKlZIcwkou
कॉलेज में पोस्टर के रूप में लगाए गए एक पेंटिंग में दो देशों की सीमा को दर्शाया गया है, जिसकी रखवाली एक सैनिक कर रहा है। इसमें सैनिक सीमा की दूसरी तरफ की महिला को चूमते हुए दिख रहा है। पोस्टर पर लिखा हुआ है, ‘फ* नेशनलिज्म। हम पृथ्वीवासी हैं’। इस गाली को अगर मर्यादित भाषा में राष्ट्रवाद की ऐसी-तैसी कह सकते हैं। एसएफआई के पुराने रिकॉर्ड के आधार पर कहा जा सकता है, बाड़ के दोनों तरफ देश भारत और पाकिस्तान हैं।
दूसरे पोस्टर में इस कट्टरपंथी छात्र संगठन ने ‘यौन स्वतंत्रता’ की वकालत की है। पोस्टर में एक महिला और एक पुरुष को नग्न होकर उत्तेजक अवस्था में चुंबन लेते हुए दिखाया गया है। साथ ही कैप्शन में लिखा है- ‘द प्लेनेट नीड सेक्सुअल लिबरेशन’ यानी धरती पर यौन स्वतंत्रता की जरूरत है।
कॉलेज परिसर में लगाए गए एक अन्य पोस्टर में एक मुस्लिम व्यक्ति को अमेरिकी झंडे की पैंट पहने कुर्सी पर बैठे हुए दिखाया गया है। उसके बगल AK-47 राइफल रखी हुई है। यह पोस्टर संभवत: अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के देश छोड़ने और वहाँ तालिबान शासन के स्थापित होने का जश्न के रूप में दिखाता है। वहीं, एक अन्य पोस्टर में हाथ में पत्थर लिए हुए एक व्यक्ति को सुरक्षाबलों के सामने खड़ा दिखाया गया है।
इस तरह की कट्टरपंथी सोच और भारतीय परंपरा एवं कानून को गाली देने वाली पोस्टर को लेकर एडवोकेट मोनिका अरोड़ा ने राष्ट्रीय महिला आयोग पत्र लिखकर महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया है। पत्र में अधिवक्ता अरोड़ा ने कहा है कि यौन क्रिया वाले इस तरह के पोस्टर लगाना न सिर्फ अनैतिक है, बल्कि संवैधानिक रूप से भी गलत है। उन्होंने कहा, “एसएफआई ने अपने पोस्टर में ऐसी तस्वीरों और वाक्यों को लिखा है, जो महिलाओं के शरीर को सार्वजनिक रूप से ग्लैमराइज कर अश्लीलता, नग्नता और यौनिक क्रिया को बढ़ावा देते हैं।”
अपने पत्र में अधिवक्ता अरोड़ा ने लिखा है कि IPC की धारा 294 अश्लील क्रिया के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक लगाता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अश्लील तस्वीर, पोस्टर, ईमेल, मैसेज आदि को यौन शोषण माना जाता है। इसको देखते हुए उन्होंने महिला आयोग से इन पोस्टरों को हटाने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि श्री केरल वर्मा कॉलेज का स्वामित्व और प्रबंधन कोचीन देवस्वम बोर्ड द्वारा किया जाता है। देवस्वम बोर्ड हिंदुओं द्वारा वित्त पोषित है और हिंदू मंदिरों और उनकी संपत्ति की देखरेख के साथ-साथ यह हिंदुओं की पारंपरिक रीति-रिवाजों के लिए के लिए जिम्मेदार है। बोर्ड के सदस्यों को केरल सरकार और राज्य के हिंदू समुदाय दोनों द्वारा नामित किया जाता है।