जैविक खाद के सौदे को लेकर श्रीलंका और चीन के बीच तनाव पैदा हो गया है। चीन के खाद को हानिकारक मानते हुए श्रीलंका ने उसे वापस कर दिया है। श्रीलंका का कहना है कि चीन का खाद जहरीला है। इसके बाद चीन ने अपनी उर्वरक कंपनी को फिर से टेस्ट करने का ऑर्डर दिया। हालाँकि, इस बीच श्रीलंका ने जैविक खाद की खरीद अब भारत से शुरू कर दी है।
Sri Lanka rejects Chinese fertilizer shipment, calls it toxic. China backs it’s fertilizer company, orders a re-test, meanwhile Sri Lanka gets fertilizer consignment shipped from India.@MollyGambhir, @AthaudaDasuni tell you more
— WION (@WIONews) November 2, 2021
For more videos, visit: https://t.co/dm7SyBIpO6 pic.twitter.com/tKKQaaTjAs
श्रीलंका ने कहा है कि चीनी जैविक उर्वरक को उसकी जमीन पर उतारने की अनुमति नहीं दी जाएगी। श्रीलंका के प्लांट प्रोटेक्शन ऑर्डिनेंस के अनुसार, किसी भी प्रोडक्ट में कीटाणु नहीं होने चाहिए, लेकिन चीनी सैंपल्स पर किए गए परीक्षणों और विश्लेषण के बाद थोक परमिट की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि सैंपल्स पर किए गए दोनों टेस्ट से पता चला कि यह हानिकारक कीटाणुओं से भरा हुआ है।
श्रीलंकाई परीक्षण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं होने के आरोप पर कृषि महानिदेशक डॉ. अजंता डी सिल्वा ने कहा कि दुनिया भर में टेस्ट प्रक्रिया और स्टैंडर्ड में काफी हद तक एक समान हैं और एक देश में किया गया टेस्ट दूसरे देश में आसानी से स्वीकार्य है। श्रीलंका ने पहले ही इस संबंध में चीन को एक रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें कहा गया है कि श्रीलंका ने उर्वरक की चीन द्वारा भेजी गई खेप को अनुमति नहीं दी है।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले श्रीलंका ने चीन की जैविक खाद बनाने वाली एक कंपनी को खाद सप्लाई करने का ऑर्डर दिया था। हालाँकि, जाँच के दौरान पता चला कि चीनी कंपनी ने जिस खाद की सप्लाई श्रीलंका को की थी, वो दूषित था। उसके बाद श्रीलंका के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए चीन से आए खाद को वापस कर दिया। वहीं, लेटर ऑफ क्रेडिट के अनुसार श्रीलंका के बैंक ने चीन की कंपनी को पैसों का भुगतान करने से भी मना कर दिया। इससे गुस्साए चीन ने श्रीलंका की सरकारी बैंक को ही ब्लैकलिस्ट कर दिया।
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने उर्वरक खाद के एक ऑर्डर के संबंध में लेटर ऑफ क्रेडिट ‘डिफॉल्ट’ का हवाला देते हुए श्रीलंका के सरकारी बैंक को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। मामले में तनाव तब बढ़ा जब पीपुल्स बैंक ने चीन की कंपनी क्विंग्डाओ सीविन बायोटेक को भुगतान रोक लिया। चीनी कंपनी से जैविक खाद की खरीद श्रीलंका की सरकारी कंपनी सीलोन फर्टिलाइजर ने की थी। इस मामले को लेकर सीलोन फर्टिलाइजर कमर्शियल मामलों के हाईकोर्ट में गई थी।
हाईकोर्ट ने 22 अक्टूबर को आदेश जारी कर चीनी कंपनी को भुगतान पर रोक लगा दी। बैंक द्वारा भुगतान रोके जाने के बाद कोलंबो स्थित चीनी दूतावास ने पीपुल्स बैंक को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया। चीन के दूतावास ने कहा कि खाद का भुगतान रोके जाने से चीनी कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। भेजी गई खाद को खराब बताने का फैसला गलत था। मामले में पीपुल्स बैंक का कहना था कि उसने हाईकोर्ट के आदेश के चलते भुगतान रोका है।