Sunday, April 28, 2024
Homeराजनीतिजानिए कौन थीं गोंड रानी कमलापति, जिनके नाम पर होगा हबीबगंज रेलवे स्टेशन: ₹100...

जानिए कौन थीं गोंड रानी कमलापति, जिनके नाम पर होगा हबीबगंज रेलवे स्टेशन: ₹100 Cr की लागत, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जैसी सुविधाएँ

वो गिन्नौर गढ़ के राजा सूरज सिंह शाह की बहू थीं। निजाम शाह के भतीजे आलम शाह ने ही उन्हें खाने की दावत पर बुला आकर उनकी हत्या कर दी थी, क्योंकि वो उनके राज्य, संपत्ति और रानी की खूबसूरती से ईर्ष्या करता था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने मध्य प्रदेश स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। ये रेलवे स्टेशन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और इसका उद्घाटन सोमवार (15 नवंबर, 2021) को खुद पीएम मोदी करेंगे। भारत सरकार ने 100 करोड़ रुपए की लागत से इस रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कर के इसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बनाया है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन इसका उद्घाटन होगा, जिसे केंद्र सरकार ने ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि 16वीं शताब्दी में भोपाल क्षेत्र गोंड शासकों के अधीन था। गोंड राजा सूरज सिंह शाह के बेटे निजाम शाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था। उन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में बड़ी बहादुरी से आक्रांताओं का सामना किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि उनकी स्मृतियों को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के दिन स्टेशन के नामकरण का फैसला लिया है।

बता दें कि नाम बदलने का प्रस्ताव मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने ही केंद्र को भेजा था। राज्य सरकार के निवेदन पर ये निर्णय लिया गया। भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी यही माँग की थी। हबीबगंज का नाम हबीब मियाँ के नाम पर रखा गया था। इससे पहले इसके नाम शाहपुर था। कहा जाता है कि हबीब मियाँ ने 1979 में स्टेशन के लिए जमीन दी थी, जिस कारण उनके नाम पर इसे रखा गया था। आज के एमपी नगर का नाम तब गंज हुआ करता था

हबीब और गंज को जोड़ कर इसे हबीबगंज बना दिया गया था। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर विश्व स्तरीय सुविधाएँ मिलेंगी। सार्वजनिक-निजी (PPP) साझेदारी के तहत ये देश का पहला मॉडल रेलवे स्टेशन है, जिसमें एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जैसी सुविधाएँ मिलेंगी। बिना किसी भीड़भाड़ के ट्रेन पर चढ़ने और आने वाले यात्रियों के लिए स्टेशन से बाहर निकलने की व्यवस्था है। एस्केलेटर और लिफ्ट के अलावा 700 यात्रियों की क्षमता वाला कॉनकोर भी है। यहाँ यात्री बैठ कर ट्रेन का इंतजार कर सकेंगे।

पूरे स्टेशन पर अलग-अलग डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से ट्रेनों की आवाजाही की ताज़ा जानकारी दी जाएगी। यात्रियों के मनोरंजन की व्यवस्था भी है। काउंटर भी हाईटेक है, जहाँ आसानी से टिकट मिल जाएगा। रेस्टॉरेंट्स भी होंगे। वेटिंग रूम, रिटायरिंग रूम, डॉरमेट्री और वीआईपी लाउंज भी है। सुरक्षा के लिए 159 सीसीटीवी कमरे हैं। ये सौर ऊर्जा से संचालित स्टेशन होगा। आग लगने जैसी दुर्घटना के समय यात्रियों को सुरक्षित निकालने की व्यवस्था भी है। यहाँ 70-80 ट्रेनों का हॉल्ट होता है।

भोपाल से 50 किलोमीटर की दूरी पर ही गिन्नौर गढ़ नाम की एक रियासत थी, जहाँ की रानी कमलापति थीं। उनके पति निजाम शाह गौढ़ के राजा थे। रानी कमलापति की खूबसूरती को लेकर ‘ताल है तो भोपाल ताल और बाकी सब हैं तलैया। ‘रानी थी तो कमलापति और सब हैं गधाईयाँ…’ नामक कहावत काफी प्रचलित थी। निजाम शाह के भतीजे आलम शाह ने ही उन्हें खाने की दावत पर बुला आकर उनकी हत्या कर दी थी, क्योंकि वो उनके राज्य, संपत्ति और रानी की खूबसूरती से ईर्ष्या करता था।

उस समय बाड़ी नाम के राज्य पर आलम का शासन था। रानी कमलापति ने मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति को हायर किया, जो पैसे लेकर लोगों की मदद करता था। उसे एक लाख रुपए देकर रानी ने आलम शाह से अपना बदला पूरा किया। आलम शाह मारा गया। हालाँकि, मोहम्मद को जब भोपाल का कुछ हिस्सा दे दिया गया था तो उसका रानी कमलापति के बेटे नवल शाह से युद्ध हुआ था। इस युद्ध में काफी खून बहा और नवल शाह को हार का सामना करना पड़ा।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सरकारी ठेका लेने के लिए क्या हिंदुओं को मुस्लिम बनना होगा?: कॉन्ग्रेस के घोषणा पत्र पर फिर उठ रहा सवाल, मंगलसूत्र और सोना पर...

कॉन्ग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र में सार्वजनिक ठेकों में मुस्लिमों को उचित हिस्सेदारी देने की बात कही है। इसको लेकर भाजपा ने सवाल उठाया है।

‘हम तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण के लिए काम करते हैं’: गोवा में बोले PM मोदी – ये 2 विचारधाराओं के बीच का चुनाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मोदी कभी चैन से नहीं बैठता है, मोदी मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मोदी दिन-रात आपके सपनों को जीता है। आपके सपने ही मोदी के संकल्प हैं। इसलिए मेरा पल-पल आपके नाम, मेरा पल-पल देश के नाम।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe