Sunday, December 22, 2024
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रेप कर नाबालिग को प्रेग्नेंट करने वाले पादरी की सजा हाई कोर्ट ने आधी कर दी, केरल की पीड़िता ने 2017 में दिया था बच्चे को जन्म

केरल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नारायण पिशारदी ने दोषी पादरी की सजा को कम करके 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने विशेष पॉक्सो अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ दोषी पादरी द्वारा दायर अपील पर यह आदेश जारी किया।

केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार (1 दिसंबर, 2021) को कोट्टियूर रेप केस (Kottiyoor Rape case), जिसमें 2016 में एक नाबालिग के साथ बलात्कार और गर्भवती होने पर दोषी पाए गए सेंट सेबेस्टियन चर्च के पूर्व पादरी फादर रॉबिन वडक्कमचेरिल (Father Robin Vadakkamcheril) को दी गई सजा को कम कर दिया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पॉक्सो एक्ट के तहत अपराधों के परीक्षण के बाद विशेष न्यायाधीश थालास्सेरी ने आईपीसी की धारा 376 (2) (एफ) और पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी पाए गए पादरी फादर रॉबिन वडक्कमचेरिल को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी और तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।

इस मामले में, अभियोजन पक्ष के अनुसार मई 2016 में एक दिन, पहले आरोपित पादरी ने नाबालिग पीड़िता को अपने शयनकक्ष में जाने के लिए कहा। इसके बाद पादरी ने उसका यौन शोषण और उसके साथ दुष्कर्म किया। नतीजतन, पीड़िता गर्भवती हो गई और 2 फरवरी, 2017 को एक बच्चे को जन्म दिया।

वहीं अब केरल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नारायण पिशारदी ने दोषी पादरी की सजा को कम करके 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने विशेष पॉक्सो अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ दोषी पादरी द्वारा दायर अपील पर यह आदेश जारी किया।

गौरतलब है कि इस मामले में जब बलात्कार पीड़िता द्वारा आरोपित पादरी से शादी करने की इच्छा व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था तो लोगों ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया था। वहीं पादरी रॉबिन वडक्कमचेरिल ने भी एक याचिका दायर कर पीड़िता से शादी करने के लिए सजा पर रोक लगाने की माँग की थी। हालाँकि, शीर्ष अदालत ने तब दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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