अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी के आरोप में उत्तर प्रदेश के युवक की मॉब लिंचिंग की घटना के एक दिन बाद रविवार (19 दिसंबर, 2021) को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ‘दरबार साहिब’ का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने राज्य में हाल ही में सामने आई कथित बेअदबी की घटनाओं के पीछे ‘एजेंसियों का हाथ’ बताते हुए कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में कॉन्ग्रेस के पक्ष में आँधी चल रही है, ऐसे में घबराहट में आकर माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है।
ये ‘एजेंसियाँ’ कहाँ की हैं और कैसी हैं, इस सम्बन्ध में वो कुछ स्पष्ट नहीं बता पाए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है, हमें संयम से काम लेकर धार्मिक स्थलों कि निगरानी करनी चाहिए। पट्टी में श्री गुरु तेग बहादुर जी स्टेट ला यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के बाद ‘श्री हरमंदिर साहिब’ पहुँचे पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि सभी धर्मों के धार्मिक केंद्रों का सम्मान किया जाए और अपील है कि उनकी रक्षा के साथ-साथ धार्मिक सद्भाव बनाए रखा जाए।
कॉन्ग्रेस पार्टी के चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, “हमारी एजेंसियाँ मामले की जाँच कर रही हैं। हो सकता है कि विधानसभा चुनाव से पहले कुछ बुरे तत्व ऐसा कर रहे हों। बेअदबी की घटनाओं के पीछे पिछली शिअद सरकार का हाथ है। बेअदबी की घटना से मेरा मन दुःखी है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए, वो कम है। इस घटना में जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस साजिश का पूरी तरह पर्दाफाश किया जाएगा। उच्च-स्तरीय जाँच की योजना बनाई जा रही है।”
इस मौके पर पंजाब के उप-मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे सुखजिंदर सिंह रंधावा भी मौजूद थे। एक अन्य रैली में उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवल पर आरोप लगाया कि वो अंग्रेजों की तरह पंजाब को लूटना चाहते हैं। उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लोगों को ड्रोन का डर दिखाने का आरोप भी लगाया। साथ ही आरोप लगाया कि उन्होंने भाजपा के साथ मिल कर पंजबकियों को धोखा दिया है। उन्होंने ये आरोप दोहराया कि भाजपा के कारण 700 किसानों की जानें गई हैं।
बता दें कि अमृतसर में सिख भीड़ द्वारा युवक की हत्या के बाद पंजाब के कपूरथला में भी ऐसी ही घटना हुई, जहाँ एक युवक पर ‘निशान साहिब’ के अपमान का आरोप लगा कर पीट-पीट कर मार डाला गया। पुलिस का कहना है कि वो बेअदबी नहीं, चोरी के लिए गया था। दोनों घटनाओं के बाद सिंघु बॉर्डर पर दलित लखबीर सिंह की हत्या की यादें भी ताज़ा हो गईं, जो ‘किसान आंदोलन’ के दौरान हुआ था। दलित लखबीर पर भी बेअदबी के ही आरोप लगे गए थे।