जहाँ उत्तर प्रदेश में गोरखनाथ धाम के महंत योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं, वहीं गुजरात में भी एक योगी का नाम चर्चा में है। वो हैं, योगी देवनाथ। वो यूपी सीएम के करीबी भी हैं। वो गुजरात में ‘हिन्दू युवा वाहिनी’ का प्रभारी हैं। साथ ही वो ‘कच्छ संत समाज’ के अध्यक्ष भी हैं। कच्छ में उनका अच्छा-खासा प्रभाव है। ‘अखिल भारतीय साधु समाज’ के भी वो एक सक्रिय सदस्य हैं। नाथ संप्रदाय से सम्बन्ध रखने वाले योगी देवनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के गुरुभाई भी हैं।
कच्छ जिले में रापर विधानसभा क्षेत्र है, जहाँ से योगी देवनाथ को अगले विधानसभा चुनाव में उतारने की अटकलें लगाई जा रही हैं। फ़िलहाल ये सीट कॉन्ग्रेस के कब्जे में है, ऐसे में भाजपा जरूर यहाँ अपना सिक्का फिर से चलाने के लिए उनके चेहरे पर दाँव लगाना चाहेगी। सोशल मीडिया पर भी वो ट्रेंड हो रहे हैं और लोग उनकी तारीफ़ करते हुए कह रहे हैं कि राजनीति को एक योगी ही सही से संभाल सकता है। खासकर गुजरात से बड़ी संख्या में लोग उनकी तस्वीरें ट्वीट कर रहे हैं।
When Adityanath Ji had visited Kutch last for campaign in Gujarat polls, he had visited Ekal Dham temple and met Devnath Ji. #गुजरात_के_योगी pic.twitter.com/hxiTcN8RDd
— 🇮🇳क्षत्रिय अभिषेक सिंह🇮🇳 प्रशासक समिति (@kshtriya_abhi) December 20, 2021
bapu’s work on the ground level for religion is praiseworthy
— शिशपाल हनुमानगढ PS (@3400SHISHPAL) December 20, 2021
Swg #गुजरात_के_योगी pic.twitter.com/Lb5rCScxum
A Yogi can serve to nation better than any one else in society
— राष्ट्रहित सर्वोपरि🏹 #प्रशासक_समिति (@Rastrhit_Sainik) December 20, 2021
Rsh #गुजरात_के_योगीpic.twitter.com/q9042099Jx
Join hands together For hindutva Revolution #गुजरात_के_योगी pic.twitter.com/M9A1wubeam
— प्रदीप कुमार यादव (TTS)🇮🇳 (@PKY5913) December 20, 2021
We Are With . #गुजरात_के_योगी @YogiDevnath2 @Vivekra0043 pic.twitter.com/DaU3sJfQVW
— Nilesh Tiwari BJP (Vapi) 🇮🇳 (@NILESH042) December 20, 2021
पिछले गुजरात विधानसभा चुनाव में जब योगी आदित्यनाथ भाजपा के लिए प्रचार करने गए थे, तब उन्होंने ‘एकल धामपुर भ्रुदिया भचाऊ कत्च’ मंदिर का भी दौरा किया था और योगी देवनाथ से मुलाकात की थी। महाराष्ट्र के पालघर में जब दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग हुई थी, तब भी योगी देवनाथ ने इस मामले में न्याय के लिए आवाज़ उठाई थी। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हजारों गायों को गोकशी से बचाया है। समाजसेवा और हिन्दू धर्म के लिए उनके कार्य को देखते हुए उनके समर्थक भाजपा से उनके लिए टिकट माँग रहे हैं।
मंदिर में लाउडस्पीकर लगाने पर प्रतिबंध को वापस लेने के लिए प्रशासन को मजबूर किया
हाल ही में हिंदू समाज के लोगों द्वारा विरोध दिखाने के बाद अंबाजी प्रशासन ने मंदिर के हवनशाला में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश को वापस ले लिया। शनिवार (18 दिसंबर 2021) को कच्छ संत समाज अध्यक्ष योगी देवनाथ ने ट्विटर पर इस संबंध में ट्वीट करके इस विरोध प्रदर्शन के बारे में बताया था। योगी देवनाथ द्वारा शेयर किए गए प्रशासन के पत्र में लिखा था कि अंबाजी मंदिर की हवनशाला में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए लाउडस्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि इससे आसपास के लोगों को परेशानी हो रही थी।
पत्र के साथ किए गए ट्वीट में योगी देवनाथ ने कहा था कि अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो गुजरात की सभी मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों को बंद कर दिया जाएगा। प्रशासन द्वारा 18 दिसंबर को जारी पत्र में कहा गया था कि जिस हवनशाला में लाउडस्पीकर हैं वहाँ कई याज्ञनिक कार्य और अन्य समारोह भक्तों द्वारा किए जाते हैं। इन लाउडस्पीकर्स के कारण नजदीकी ग्रामीणों को दिक्कत होती है। इसके अलावा यह अंबाजी मंदिर कार्यालय के हर कार्य में भी परेशानी देते हैं इसलिए तत्काल प्रभाव से यहाँ लाउडस्पीकर बैन किया जाता है।
2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भी योगी देवनाथ ने भाजपा से टिकट माँगा था। कच्छ के कैलाश टेकड़ी में सशु-संतों ने बैठक कर के भाजपा हाईकमान से ये माँग की थी। 44 वर्षीय योगी देवनाथ ने 12 की उम्र में ही संन्यास लेकर ‘नाथ अखाड़ा’ में शामिल होने का निर्णय ले लिया था। उन्हें लोग ‘देवनाथ बापू’ भी कहते हैं। योगी देवनाथ बताते हैं कि वो ढाई दशक से भाजपा से जुड़े हैं और स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में गरीबों के लिए कार्य कर रहे हैं। उनका कहना था कि उनका कोई परिवार नहीं है, ऐसे में भ्रष्टाचार का सवाल ही नहीं उठता।