Sunday, June 22, 2025
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दुनिया का सबसे बड़ा डेटा ऑपरेटर बना रिलायंस Jio, चीन की सरकारी कंपनी को छोड़ा पीछे: 5G उपभोक्ताओं के मामले में भी बनाया रिकॉर्ड

Jio का 28% से भी अधिक डेटा ट्रैफिक इसके 5G उपभोक्ताओं से ही आ रहा है। एक एनालिस्ट प्रेजेंटेशन के दौरान Tefficient ने ये आँकड़े जारी किए हैं। Jio का एवरेज रेवेन्यू पर ईयर (ARPY) से पता चलता है कि JioBharat फोन का इस्तेमाल करने वालों की भी संख्या बढ़ी है।

भारत का सबसे बड़ा डेटा ऑपरेटर रिलायंस Jio अब दुनिया में शीर्ष स्थान पर पहुँच गया है। डेटा ट्रैफिक खर्च के मामले में कंपनी के ये उपलब्धि हासिल की है। इसने ‘China Mobile’ को पीछे छोड़ दिया है। Jio के नेटवर्क पर कुल ट्रैफिक 40.9 एक्साबाइट तक पहुँच गया है, जबकि ‘China Mobile’ के मामले में ये आँकड़ा 38 एक्साबाइट है। ये आँकड़े जनवरी से लेकर मार्च 2024 तक के हैं। ग्लोबल एनालिटिक्स फर्म Tefficient ने ये आँकड़े जारी किए हैं।

इतना ही नहीं, 5G उपभोक्ताओं के मामले में भी रिलायंस Jio दुनिया में दूसरे नंबर पर स्थित है। दुनिया भर में इसका दूसरा सबसे बड़ा 5G सब्स्क्राइब्स बेस है, इसके 10.80 करोड़ उपभोक्ता हैं। Jio का 28% से भी अधिक डेटा ट्रैफिक इसके 5G उपभोक्ताओं से ही आ रहा है। एक एनालिस्ट प्रेजेंटेशन के दौरान Tefficient ने ये आँकड़े जारी किए हैं। Jio का एवरेज रेवेन्यू पर ईयर (ARPY) से पता चलता है कि JioBharat फोन का इस्तेमाल करने वालों की भी संख्या बढ़ी है।

साथ ही इसने प्रमोशनल प्लान्स के तहत अनलिमिटेड 5G डेटा भी अपने उपभोक्ताओं को ऑफर किया है। नए यूजरों को जोड़ने में Jio की गति तेज़ है। अगले कुछ वर्षों में इसका मार्केट शेयर के साथ-साथ राजस्व भी बढ़ने की भविष्यवाणी की गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि जून में लोकसभा चुनाव 2024 खत्म होने के तुरंत बाद Jio का डेटा ट्रैफिक 20-25% बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। 5900 शहरों में जियो का वायरलेस ब्रॉडबैंड सर्विस AirFibre पहुँच गया है।

AirFibre में प्रतिदिन का औसत डेटा खर्च 13 गीगाबाइट है। ये JioFibre से 30% अधिक है। एक तरह से Jio का 30% डेटा ट्रैफिक का लोग मुफ्त में फायदा उठा रहे हैं, ऑफर के तहत। Jio के उपभोक्ता 28.70 GB हर महीने उपयोग में ला रहे हैं। वहीं भारती Airtel के मामले में ये आँकड़ा 22.5 GB है। सर्वे करने वाली संस्था का मानना है कि टेलीकॉम कंपनियाँ फ़िलहाल डेटा के बदले ज्यादा कमाई नहीं कर रही हैं, ऐसे में वित्तीय वर्ष 2025 में इसमें बढ़ोतरी होने की संभावना है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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