कोरोना वायरस (Covid-19) के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। विदेशों में ही नहीं, बल्कि अब देश में भी इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इससे न केंद्र के साथ-साथ राज्यों की चिंता भी बढ़ गई है। हालात को देखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) ने ओमिक्रॉन से सबसे अधिक अफेक्टेड 10 राज्यों में कई कई विभागों वाले एक केंद्रीय दल (multi-disciplinary central team) को तैनात करने का निर्णय लिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार की ये टीमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, मिजोरम, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पंजाब में तैनात होंगी। इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “10 चिह्नित राज्यों में बहु-विषयक केंद्रीय टीमों को तैनात करने का निर्णय लिया गया, जिनमें से कुछ ओमिक्रॉन और कोरोना के मामलों की बढ़ती संख्या और कुछ टीकाकरण की धीमी गति दर्ज कर रहे हैं।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union health ministry) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीजों की कुल संख्या अब 415 पर पहुँच गई है। इनमें से अब तक 115 मरीज या तो स्वस्थ हो गए हैं या फिर कहीं माइग्रेंट कर गए हैं।
मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के बीच देश भर की 61 प्रतिशत वयस्क आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण किया जा चुका है। वहीं, 89 प्रतिशत लोगों ने फर्स्ट डोल ले लिया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण 11 राज्यों में टीकाकरण की गति को लेकर चिंता जाहिर की है। ये 11 राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, नागालैंड, ओडिशा, मेघालय, झारखंड, मणिपुर नागालैंड और पंजाब हैं। इन राज्यों में टीकाकरण की दर राष्ट्रीय औसत से कम है।
राज्यों में ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या
कई राज्यों में ओमिक्रॉन वैरिएंट की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इस वैरिएंट के मरीजों के मामले में महाराष्ट्र देश में नंबर वन पर है। यहाँ कुल 108 केस दर्ज किए गए हैं। वहीं, दिल्ली में 70, गुजरात में 43, तेलंगाना में 38, केरल में 37, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 31, राजस्थान में 22 में ओमिक्रॉन के मरीज हैं। इसके अलावा हरियाणा, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 4-4 केस सामने आए हैं। पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में 3-3 केस, जबकि चंडीगढ़, उत्तराखंड और लद्दाख में एक-एक ओमिक्रॉन के मरीज मिले हैं।
बहरहाल अच्छी बात यह है कि देश में अब तक 141 करोड़ से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है।