उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग ने आठ जनवरी को की थी। इसके बाद से ही इन पाँच राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसके उल्लंघन का पहला मामला सामने आया है जिसको लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) को आयोग ने नोटिस दिया है। आयोग ने रविवार (9 जनवरी, 2022) को AAP को नोटिस जारी किया। पटियाला के जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप हंस ने यह नोटिस समाचार पत्रों में पैम्फलेट बाँटने के लिए जारी किया। कथित तौर पर पैम्फलेट में अन्य पार्टियों से पैसे लेकर AAP को वोट देने की बात कही गई है।
डीसी ने नोटिस में सोमवार (10 जनवरी 2022) शाम तक पार्टी को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, “हमने AAP जिलाध्यक्ष मेघ राज को नोटिस जारी किया है। पैम्फलेट बाँटने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पैम्फलेट में पब्लिशर या प्रिंटर का नाम नहीं है।”
इसकी शिकायत भारत के चुनाव आयोग द्वारा लॉन्च किए गए eVigil ऐप का उपयोग करके दर्ज करवाई गई थी। बता दें कि इस ऐप के जरिए नागरिक चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में राजनीतिक नेताओं और पार्टियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
पैम्फलेट का कंटेंट
पंजाबी में प्रकाशित पैम्फलेट में मतदाताओं से राजनीतिक पार्टियों द्वारा वोट के बदले दिए जाने वाले पैसे या अन्य सामग्री लेने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है, “इन पार्टियों ने पंजाब को लूटा है। इसलिए, यदि कोई राजनीतिक दल आपको पैसे की पेशकश करता है, तो इसे ले लें। लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को ही दें। उन्हें पता नहीं चलेगा कि आपने किसे वोट दिया है।”
इसमें आगे कहा गया है, “आम आदमी पार्टी पैसे की पेशकश नहीं कर सकती क्योंकि उसके पास फंड नहीं है। लेकिन अगर आम आदमी पार्टी पंजाब में सरकार बनाती है, तो यह आपके जीवन को बेहतर बनाएगी। मुफ्त बिजली मिलेगी। आपके घर की हर महिला को 1000 रुपए मिलेंगे। नए स्कूल और अस्पताल खुलेंगे। दिल्ली की तरह ही मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा।”
इसमें आगे आरोप लगाया गया है कि पार्टियाँ चुनाव से पहले पैसा देती हैं, लेकिन सरकार बनाने के बाद ठीक से काम नहीं करती हैं। कहा गया है, “एक काम करो। चुनाव से पहले और बाद दोनों में लाभ उठाओ। चुनाव से पहले दूसरे दलों से पैसे ले लो। आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद, सरकार से लाभ उठाओ। ‘झाड़ू’ (AAP का पार्टी चिन्ह) चुनें।”
दिलचस्प बात यह है कि पैम्फलेट में मतदाताओं से फर्जी शपथ लेने का आग्रह किया गया था। इसमें कहा गया है, “यदि अन्य दल आपसे पैसे के बदले उन्हें वोट देने की शपथ लेने के लिए कहते हैं, तो झूठी शपथ लें। लेकिन अपने दिल में गुरु महाराज या भगवान के नाम पर शपथ लें और कहें, ‘इन चुनावों में, मैं इन पार्टियों से पैसे ले रहा हूँ, लेकिन मैं पंजाब की भलाई के लिए आम आदमी पार्टी को वोट दूँगा’। दूसरी पार्टियों को पता नहीं चलेगा कि आप अपने मन में क्या कह रहे हैं।”
आम आदमी पार्टी के नेता बलबीर सिंह ने द ट्रिब्यून के हवाले से कहा कि AAP ने ऐसा कोई पैम्फलेट जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा, “हमने पैम्फलेट जारी नहीं किया है और इसे सही नहीं ठहराते। जाहिर तौर पर किसी ने हमें बदनाम करने की चाल चली है।”
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी पहले भी इस तरह की टिप्पणी कर चुकी है। यह पहली बार नहीं है जब आप ने मतदाताओं से अन्य पार्टियों से पैसे लेने के लिए कहा है, लेकिन AAP को वोट देने के लिए कहा है। अरविंद केजरीवाल खुद भी इसी तरह की टिप्पणी कर चुके हैं।
2015 में, केजरीवाल ने एक रैली को संबोधित करते हुए लोगों से भाजपा और कॉन्ग्रेस से पैसे लेने और AAP को वोट देने के लिए कहा था।
2017 में गोवा चुनाव के दौरान भी उन्होंने यही बात कही थी। तब भी चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में जवाब माँगा था। 2019 में आम चुनावों से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने AAP उम्मीदवार राघव चड्ढा के रोड शो के दौरान भी इसी तरह की टिप्पणी की थी।