Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजलोगों की मदद करते हुए कोरोना+, 254 दिन चला इलाज-₹8 करोड़ खर्च; फिर भी...

लोगों की मदद करते हुए कोरोना+, 254 दिन चला इलाज-₹8 करोड़ खर्च; फिर भी नहीं बचे किसान धर्मजय सिंह: 50 एकड़ जमीन भी बिक गई

"धर्मजय के फेफड़े 100% संक्रमित हो चुके थे। लेकिन सप्ताह भर पहले उनका ब्लड प्रेशर लो हो गया। इसी दौरान उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। इसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।"

मई 2021 में कोरोना से संक्रमित धर्मजय सिंह की लम्बे इलाज के बाद आख़िरकार मृत्यु हो गई है। उनका इलाज अलग-अलग स्थानों पर 8 महीने चला। इस दौरान लगभग ₹8 करोड़ खर्च हुए। धर्मजय की उम्र लगभग 50 वर्ष थी। वे मध्यप्रदेश के रीवा के निवासी थे। उन्होंने अंतिम सॉंस चेन्नई के अपोलो अस्पताल में ली। उनका देहांत मंगलवार (11 जनवरी 2022) को हुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धर्मराज किसान थे। उनके इलाज पर लगभग ₹3 लाख प्रतिदिन का खर्च आ रहा था। इसके लिए उनके परिजनों ने करीब 50 एकड़ जमीन बेच डाली। शुरू में उनका इलाज रीवा के संजय गाँधी अस्पताल में चला। बाद में सुधार न होने के चलते उन्हें एयर एम्बुलेंस से चेन्नई के अपोलो अस्पताल ले जाया गया। वहाँ उन्हें एक्समो मशीन पर रखा गया। उनकी सेहत की निगरानी लंदन के डॉक्टर कर रहे थे।

26 जुलाई 2021 को धर्मजय की हेल्थ रिपोर्ट

मूल रूप से रीवा के मऊगँज के रकरी गाँव निवासी धर्मजय ने 30 अप्रैल 2021 को अपना सैम्पल दिया था। 2 मई 2021 को उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उनके भाई प्रदीप सिंह के मुताबिक, “धर्मजय के फेफड़े 100% संक्रमित हो चुके थे। रीवा में लगभग 16 दिन इलाज में फायदा न दिखने के बाद उन्हें 18 मई को चेन्नई ले जाया गया। उनकी सेहत सुधर रही थी लेकिन सप्ताह भर पहले उनका ब्लड प्रेशर लो हो गया। इसी दौरान उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। इसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।”

धर्मजय सिंह स्ट्राबेरी और गुलाब की खेती के विशेषज्ञ थे। पिछले साल गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2021) पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सम्मानित भी किया था। उन्हें संक्रमण कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की सेवा के दौरान हुआ। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक धर्मजय के परिवार ने सरकार से आर्थिक मदद की माँग की थी। सरकार द्वारा उनके परिवार को ₹4 लाख दिए गए थे। गौरतलब है कि इससे पहले मेरठ के विश्वास सैनी का देश में कोरोना का सबसे लंबा इलाज चला था। 130 दिन के इलाज के बाद वे स्वस्थ हो गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -