मई 2021 में कोरोना से संक्रमित धर्मजय सिंह की लम्बे इलाज के बाद आख़िरकार मृत्यु हो गई है। उनका इलाज अलग-अलग स्थानों पर 8 महीने चला। इस दौरान लगभग ₹8 करोड़ खर्च हुए। धर्मजय की उम्र लगभग 50 वर्ष थी। वे मध्यप्रदेश के रीवा के निवासी थे। उन्होंने अंतिम सॉंस चेन्नई के अपोलो अस्पताल में ली। उनका देहांत मंगलवार (11 जनवरी 2022) को हुआ।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धर्मराज किसान थे। उनके इलाज पर लगभग ₹3 लाख प्रतिदिन का खर्च आ रहा था। इसके लिए उनके परिजनों ने करीब 50 एकड़ जमीन बेच डाली। शुरू में उनका इलाज रीवा के संजय गाँधी अस्पताल में चला। बाद में सुधार न होने के चलते उन्हें एयर एम्बुलेंस से चेन्नई के अपोलो अस्पताल ले जाया गया। वहाँ उन्हें एक्समो मशीन पर रखा गया। उनकी सेहत की निगरानी लंदन के डॉक्टर कर रहे थे।
मूल रूप से रीवा के मऊगँज के रकरी गाँव निवासी धर्मजय ने 30 अप्रैल 2021 को अपना सैम्पल दिया था। 2 मई 2021 को उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उनके भाई प्रदीप सिंह के मुताबिक, “धर्मजय के फेफड़े 100% संक्रमित हो चुके थे। रीवा में लगभग 16 दिन इलाज में फायदा न दिखने के बाद उन्हें 18 मई को चेन्नई ले जाया गया। उनकी सेहत सुधर रही थी लेकिन सप्ताह भर पहले उनका ब्लड प्रेशर लो हो गया। इसी दौरान उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। इसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।”
धर्मजय सिंह स्ट्राबेरी और गुलाब की खेती के विशेषज्ञ थे। पिछले साल गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2021) पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सम्मानित भी किया था। उन्हें संक्रमण कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की सेवा के दौरान हुआ। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक धर्मजय के परिवार ने सरकार से आर्थिक मदद की माँग की थी। सरकार द्वारा उनके परिवार को ₹4 लाख दिए गए थे। गौरतलब है कि इससे पहले मेरठ के विश्वास सैनी का देश में कोरोना का सबसे लंबा इलाज चला था। 130 दिन के इलाज के बाद वे स्वस्थ हो गए थे।