फेक न्यूज के लिए कुख्यात हिंदूफोबिक ट्विटर यूजर अशोक स्वैन (Ashok Swain) को IIT दिल्ली ने 23 जनवरी को प्रस्तावित अपने ऑनलाइन लिटरेचर फेस्टिवल ‘लिटराती’ में वक्ता के तौर पर आमंत्रित करने के बाद इस आयोजन को रद्द कर दिया। इसके बाद स्वैन दुखी नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि लेफ्ट प्रोपेगेंडानिस्ट को स्वैन को इस आयोजन में बुलाने के बाद आईआईटी दिल्ली को सोशल मीडिया यूजर्स का भारी विरोध सहना पड़ा था।
स्वैन को आमंत्रित करने पर यूजर्स ने आईआईटी दिल्ली को जेएनयू (JNU) की तरह ‘अर्बन नक्सल हब’ बताते हुए कहा था कि सरकारी द्वारा वित्तपोषित संस्थान द्वारा ऐसे फेक न्यूज फैलाने वाले व्यक्ति को बुलाना ‘शर्मनाक’ है।
Sad to see @iitdelhi inviting Anti India Propagandist like Ashok Swain and Kawalpreet Kaur.
— Rais Pathan (@PathanRaisKhan) January 18, 2022
They don't deserve a platform like this. pic.twitter.com/8EAOhYXhgS
आईआईटी दिल्ली की कई सोशल मीडिया यूजर ने लताड़ लगाई थी।
.@iitdelhi 'Literati' event 'Polarised Politics'. Fair enough to have diversified opinion but what's point when all 3- Ajay Gudavathy (JNU Prof, TheWire OpEd), Kawalpreet Kaur (AISA, Riots UAPA accused), & Ashok Swain (doesn't need intro) having pathetically propagandist stance?? pic.twitter.com/EceBtbBzTf
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) January 18, 2022
अशोक स्वैन ने गुरुवार (20 जनवरी 2022) को ट्विटर पर इस आयोजन के रद्द होने के बारे में जानकारी साझा की। स्वैन ने कहा कि उन्हें आमंत्रित किए जाने के बाद हिंदू दक्षिणपंथियों ने इसके खिलाफ अभियान चलाया, जिसके कारण इस आयोजन को संस्थान ने कोविड के नाम पर रद्द कर दिया।
Surprisingly, I was invited to the IIT-Delhi's annual literary fest panel to discuss what it means to be political this Sunday? Unsurprisingly, the Hindu right-wing yesterday started a campaign against my invitation. Today, the 'online' event got postponed in the name of Covid.
— Ashok Swain (@ashoswai) January 19, 2022
उन्होंने आगे कहा कि वह IIT दिल्ली से निमंत्रण पाकर हैरान थे। अपनी वार्षिक व्याख्यान श्रृंखला में IITD ने अजय गुडावर्ती, अशोक स्वैन और कवलप्रीत कौर के साथ ‘राजनीतिक रुख और पहचान’ का एक सत्र निर्धारित किया था, जो अब रद्द हो गया।
उप्साला विश्वविद्यालय में खुद को ‘Peace and Conflict Research’ का प्रोफेसर बताने वाले अशोक स्वैन फेक न्यूज फैलाने, झूठ फैलाने और हिंदुओं के प्रति घृणा के लिए कुख्यात हैं। साल 2018 में उन्होंने कहा था कि भारत सरकार राजनीतिक फायदे के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष पैदा कर रही है। इस दावे को पाकिस्तानी मीडिया ने खूब हवा दी थी। इस पर स्वैन ने बड़े गर्व से कहा था कि उनका ट्वीट पाकिस्तानी मीडिया के प्राइम टाइम शो में शामिल किया जा रहा है।
इतना ही नहीं, पुलिस द्वारा फेक न्यूज बताने के बावजूद उन्होंने यह झूठ फैलाया था कि मुस्लिम युवक द्वारा जय श्रीराम नहीं कहने पर हिंदुत्ववादियों ने उसे आग के हवाले कर दिया। NASA द्वारा चुनी गई एक हिंदू किशोरी की साइबर बुलिंग करने का भी उन पर आरोप है।