सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 जनवरी 2022) को करोड़ों के पशु तस्करी मामले के मास्टरमाइंड मोहम्मद इनामुल हक (Mohammed Enamul Haque) को जमानत दे दी है। पश्चिम बंगाल में पशुओं की अंतरराष्ट्रीय तस्करी करने वाले इनामुल पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम (एमडी इनामुल हक बनाम सीबीआई) से संबंधित कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने कलकत्ता हाई कोर्ट के नवंबर 2021 के आदेश के खिलाफ फैसला सुनाया है, जिसमें हक की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में आरोपित को जेल में बंद रखना जरूरी नहीं है। कोच्चि में दर्ज मामले में उसे कानूनन जमानत मिल ही गई थी। वह नवंबर 2020 से जेल में ही था, जबकि चार्जशीट 2021 में दाखिल हुई थी। इस तरह अब चार्जशीट दाखिल होने के बाद उसे जमानत पर जेल से बाहर निकाला जा सकता है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले की जाँच में पाया गया है कि पश्चिम बंगाल के रोशनबाग में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक बटालियन के पूर्व कमांडेंट ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास पशु तस्करों से रिश्वत ली थी। जब बाद में उन्हें केरल के एलेप्पी रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों ने पकड़ा, तो उनके पास से 43 लाख रुपए बरामद हुए थे। वो भी जमानत पर रिहा हो चुके हैं। हक पर कमांडेंट को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया था।
तस्करी के आरोपित हक की पैरवी करते हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने अदालत में कहा कि उनका मुवक्किल 6 नवंबर, 2021 से जेल में है, जबकि बीएसएफ कमांडेंट सहित अन्य सभी आरोपितों को जमानत पर छोड़ दिया गया है। रोहतगी ने बताया कि जिन अपराधों के लिए हक पर आरोप लगाया गया है, उनमें अधिकतम सात साल कैद की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि आरोपों की जाँच सीबीआई की सौंपी गई है, जबकि राज्य ने सीबीआई को जाँच के लिए मना कर रखा है।
बता दें कि सीबीआई जाँच में सामने आया था कि अवैध मवेशी व्यापार का मास्टरमाइंड मोहम्मद इनामुल हक 1000 करोड़ रुपए के अधिक का हवाला नेटवर्क चलाता था। वह पशु तस्करों के लिए अवैध रूप से धन का लेन-देन करता था। हक अवैध पशु तस्करी वह अपने साथी गुलाम मुस्तफा और अनारूल शेख के साथ मिलकर चलाता था। इस मामले में सीबीआई ने 36वें बटालिएन के बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार को भी सितंबर 2021 में गिरफ्तार किया था।