Sunday, May 5, 2024
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मोदी सरकार ने सिर्फ 5 स्टाफ दिया, मनमोहन को चाहिए 14: चिट्ठी लिख वाजपेयी का दिया उदाहरण

14-सदस्यीय स्टाफ की जगह मनमोहन सिंह को अब सिर्फ 5 स्टाफ ही मिलेंगे। इसमें 2 पर्सनल असिस्टेंट, 1 लोअर डिवीजन क्लर्क और 2 चपरासी शामिल होंगे।

पीएमओ द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की 14 सदस्यीय स्टाफ़ को बरकरार रखने की अपील को खारिज़ करने के बाद मनमोहन सिंह ने एक बार फिर से पीएमओ को उसी उद्देश्य से पत्र लिखा है। उन्होंने फिर अपील की है कि उनके स्टाफ़ में कटौती न की जाए। लेकिन इस बार उन्होंने अपने पत्र में अटल बिहारी वाजपेयी के समय का हवाला दिया है।

न्यूज 18 की खबर के अनुसार मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री से कहा है कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी उस समय अटल बिहारी वाजपेयी जी को पद छोड़ने के बाद भी पूरा स्टाफ़ मुहैया करवाया गया था, जिसे बाद में उनकी बताई जरूरतों के हिसाब से घटाकर 12 कर दिया गया था। लेकिन उनके केस में वैसा ही व्यवहार नहीं किया जा रहा है।

हालाँकि, मनमोहन सिंह की इस ताजा अपील पर पीएमओ से प्रतिक्रिया आनी अभी बाकी है। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है कि पूर्व प्रधानमंत्री के स्टाफ में नियमों से हटकर कटौती की जा रही है।

खबरों के मुताबिक पूर्व पीएम ने 2 फरवरी को प्रधान सचिव को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उनके ऑफिस स्टाफ का कार्यकाल 5 साल और बढ़ाने की गुजारिश की गई थी, इसके बाद उन्होंने इसी सिलसिले में 18 मार्च को भी चिट्ठी लिखी, लेकिन नरेंद्र मोदी के दोबारा शपथ ग्रहण समारोह से 4 दिन पहले 26 मई को मनमोहन सिंह को इस बात की जानकारी दी गई कि उनके कर्मचारियों की संख्या को पाँच तक सीमित कर दिया गया है, जिसमें 2 पर्सनल असिस्टेंट, 1 लोअर डिवीजन क्लर्क और 2 चपरासी शामिल हैं।

गौरतलब है पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (1991-1996) के कार्यकाल के दौरान यह फैसला लिया गया था कि सभी पूर्व प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद 5 साल के लिए कैबिनेट मंत्री के बराबर लाभ के हकदार होंगे। इन सुविधाओं में एक 14-सदस्यीय स्टाफ, मुफ्त कार्यालय व्यय, चिकित्सा सुविधाएँ, 6 फैमिली एग्जिक्यूटिव क्लास एयर टिकट और एक वर्ष के लिए एसपीजी कवर शामिल हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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