केंद्र सरकार ने देशभर में उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए ‘एक राष्ट्र-एक कार्ड’ योजना शुरु करने का फैसला किया है। इससे उपभोक्ता किसी दूसरे राज्य की राशन की दुकान से भी रियायती दरों पर अनाज पा सकेगा। इस सुविधा का सबसे अधिक लाभ नौकरी के लिए शहरों की ओर पलायन करने वाले उपभोक्ताओं को मिलेगा।
गुरुवार (जून 27, 2019) को केंद्रीय खाद्य मंत्री ने देशभर के खाद्य सचिवों की एक बैठक बुलाई थी। इसी दौरान मंत्री राम विलास पासवान ने एक राष्ट्र एक योजना की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार सभी उपभोक्ताओं के हितों के लिए हरसंभव कार्य करेगी। इस योजना से उपभोक्ता किसी एक दुकान से बँधकर नहीं रहेंगे, साथ ही राशन दुकानदारों की मनमानी और चोरी को बंद करने में सहायता मिलेगी।
एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड की @narendramodi सरकार की योजना राष्ट्र-भाव व समाजिक समरसता की दिशा में एक सही कदम..जमीनी तौर पर इसका सबसे ज्यादा फायदा दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को होगा जो काम के लिए बाहर जाते हैं@PMOIndia @AmitShah @irvpaswan https://t.co/IhZAW1YL8S
— Prof. Niranjan Kumĺar (@NiranjankIndia) June 28, 2019
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश के कुछ प्रदेशों जैसे- आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, राजस्थान और त्रिपुरा में यह कार्यक्रम इंटीग्रेटड मैनेजमेंट आफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (IMPDS) के नाम से जाना जाता है। इस व्यवस्था के जरिए राज्य के भीतर उपभोक्ता किसी भी जिलेे से अपने हिस्से राशन किसी भी दुकान से प्राप्त कर सकते हैं।
इस बैठक में ‘एक राष्ट्र-एक कार्ड’ की अवधारणा राज्यों के खाद्य सचिवों को बेहद पसंद आई और इसे सभी ने अपने राज्य में लागू करने के लिए हामी भरी है। इस राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कुशल क्रियान्वयन, एंड-टू-एंड कम्प्यूटरीकरण, खाद्यान्न के भंडारण- वितरण में पारदर्शिता, एफसीआई, सीडब्ल्यूसी और एसडब्ल्यूसी डिपो के डिपो ऑनलाइन सिस्टम (डॉस) के साथ समन्वय सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।