Friday, November 15, 2024
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तुर्की वाले आयसी नहीं बनेंगे एयर इंडिया के CEO: टाटा सन्स का ऑफर मिलने के बाद Pak-अलकायदा कनेक्शन पर उठे थे सवाल

टाटा संस द्वारा इल्कर को इतना बड़ा पद दिए जाने की बात जानने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध ‘स्वदेशी जागरण मंच' ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इल्कर को ये पद नहीं देना चाहिए।

तुर्की एयरलाइन्स के पूर्व चेयरमैन इल्कर आयसी का भारत में भारी विरोध होने के बाद उन्होंने एयर इंडिया का सीईओ बनने से मना कर दिया है। इससे पहले 14 फरवरी 2022 को टाटा संस ने तुर्की एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख इल्कर आयसी को अपनी विमानन कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक (MD) पद पर नियुक्त किया था।

बता दें कि टाटा संस द्वारा इल्कर को इतना बड़ा पद दिए जाने की बात जानने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध ‘स्वदेशी जागरण मंच’ ने इसका विरोध किया था। उन्होंने पिछले शुक्रवार को कहा था कि सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एयर इंडिया में इल्कर आयसी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी व एमडी नहीं बनाया जाना चाहिए।

बाद में स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने बताया था कि सरकार इस मुद्दे के प्रति पहले से ही संवेदनशील है और इसलिए उन्होंने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है।

उल्लेखनीय है कि इल्कर आयसी का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आने के बाद भारत में आम जन से लेकर सरकार तक ने उनका विरोध किया था। ऐसे में पहले ही कयास लग रहे थे कि सही से पद संभालने से पहले ही संभव है आयसी को सीईओ पद से हटा दिया जाए।

आयसी का विरोध क्यों?

जानकारी के अनुसार, कई जगह तुर्की में उनके पिछले राजनीतिक संबंधों का उल्लेख करके उनकी नियुक्ति का विरोध हो रहा था। कथिततौर पर वह तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के करीबी माने जाते हैं जिन्हें पाकिस्तान का साथी भी कहा जाता है। आयसी 1994 में एर्दोगन के सलाहकार भी थे। दोनों के बीच की करीबियाँ 2018 में और स्पष्ट हो गई थी जब आयसी ने शादी की और एर्दोगन उसमें शिरकत करने पहुँचे। अब चूँकि एर्दोगन को हमेशा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करते हुए देखा जाता है। इसलिए आयसी भी उनके साथ जोड़कर देखे जा रहे हैं।

आयसी साल 2005 से 2011 तक में कई इंश्योरेंस कंपनियों के सीईओर थे। फिर उन्होंने तुर्की के प्रधान मंत्रालय निवेश सहायता और संवर्धन एजेंसी में सेवा दी। इसके बाद वे 2015 से 2022 तक में तुर्की एयरलाइंस के अध्यक्ष रहे और अब हाल में उन्हें एआईआर का सीईओ बनने का मौका मिला जिसे उन्होंने मना कर दिया। उनक पर पाकिस्तान के साथ अलकायदा से भी लिंक होने के आरोप हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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