देश भर में होली (Holi) धूमधाम से मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अगुवाई में होली के अवसर पर मठ से नरसिंह भगवान की शोभायात्रा निकाली गई। इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने गुलाल उड़ाए और लोगों को संबोधित किया।
उत्साह, उमंग, उल्लास एवं सामाजिक समरसता के पर्व ‘होली’ के अवसर पर… pic.twitter.com/lKzFnxzw2Q
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 19, 2022
अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस बार यह आयोजन दो कारणों से महत्वपूर्ण है। पहला कारण है- पिछले दो साल में पहली बार सबको व्यक्तिगत तौर पर होली मनाने का अवसर मिल रहा है। दूसरा कारण है- उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर राष्ट्रवाद और सुशासन की सरकार चुनी है और पहली बार गोरखपुर जिले की सभी 9 विधानसभा सीटों पर राष्ट्रवाद की मुहर लगी है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा पिछले 80-85 वर्षों से अनवरत जारी है।
पावन पर्व होली के शुभ अवसर पर भगवान नरसिंह जी की ‘शोभायात्रा’ कार्यक्रम में… https://t.co/g7VN5FckM2
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पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पर्व हमें अतीत से जोड़ते हैं। होलिका और हिरण्यकश्यप हर समाज में मौजूद रहे हैं। हिरण्यकश्यप और होलिका ने भक्त प्रह्लाद को उसके भक्ति मार्ग से डिगाना चाहा, लेकिन सफल न हो सके। हमें भी भक्त प्रह्लाद की तरह अपने मार्ग से डिगना नहीं है।”
योगी आदित्यनाथ के संबोधन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और श्री होलिकोत्सव समिति महानगर के तत्वाधान में भगवान नरसिंह की लगभग छह किलोमीटर लंबी शोभायात्रा शुरू हुई। इस दौरान विशाल जनसमूह उमड़ा और लोग रंग, अबीर-गुलाल और फूलों से होली खेलते हुए इस शोभायात्रा में शामिल हुए। इस दौरान ‘जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएँगे’ की भी गूंज सुनाई दी।
भगवान नरसिंह शोभायात्रा की शुरुआत
गोरखनाथ मंदिर में होलिकादहन की राख से होली मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। हालाँकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख ने 1944 में अपने गोरखपुर प्रवास के दौरान संघ के इस आयोजन में फूहड़ता को देखते हुए इसकी बागडोर अपने हाथ में ले ली थी। इसके बाद नानाजी ने गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ से संपर्क किया।
महंत दिग्विजयनाथ ने उनके आमंत्रण को स्वीकार करते हुए इस शोभायात्रा की जिम्मेदारी अपने उत्तराधिकारी अवैद्यनाथ को सौंप दी। अपने गुरु के निर्देश पर अवैद्यनाथ 1950 से शोभायात्रा का नेतृत्व करने लगे। धीरे-धीरे संघ की यह शोभायात्रा नाथ पीठ का अभिन्न हिस्सा बन गई। योगी आदित्यनाथ को जब महंत अवैद्यनाथ ने अपना उत्तराधिकारी बनाया तो इस शोभायात्रा की जिम्मेदारी उन्हें ही सौंप दी गई।
साल 1998 से इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं योगी आदित्यनाथ
साल 1998 से योगी आदित्यनाथ इस शोभायात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने इस शोभायात्रा को और भव्यता दी और इसकी ख्याति देश-विदेश तक पहुँचाई। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी इस शोभायात्रा का वे नेतृत्व करते रहे, जो अब तक जारी है। कोरोनाकाल में दो साल के लिए साल 2020 और 2021 में योगी आदित्यनाथ इस आयोजन में शामिल नहीं हो हो सके थे।