Thursday, May 2, 2024
Homeदेश-समाजहिंदू देवी-देवताओं को गाली पर ब्लॉक क्यों नहीं करते: ट्विटर को दिल्ली HC ने...

हिंदू देवी-देवताओं को गाली पर ब्लॉक क्यों नहीं करते: ट्विटर को दिल्ली HC ने फटकारा, कहा- दूसरे मजहब होते तो एक्शन लेते

चीफ जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस नवीन चावला की पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि ट्विटर कोई भी कड़ा कदम तभी उठाता है जब उनको किसी पोस्ट या जानकारी संवेदनशील लगती है। वो उस मामले में कार्रवाई नहीं करते जब दूसरों की भावनाएँ आहत हुई हों।

ट्विटर के हिपोक्रेटिक रवैये को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (28 मार्च 2022) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि जब ट्विटर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक का अकॉउंट सस्पेंड कर सकता है तो फिर हिंदू देवी और देवताओं के बारे में जो अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं उन अकॉउंट पर एक्शन क्यों नहीं लेता।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, एक्टिंग चीफ जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस नवीन चावला की पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि ट्विटर कोई भी कड़ा कदम तभी उठाता है जब उनको खुद कोई पोस्ट या जानकारी संवेदनशील लगती है। वो उस मामले में कार्रवाई नहीं करते जब दूसरों की भावनाएँ आहत हुई हों।

एसीजे संघी ने कहा, “ये इस तरह एक्शन लेते हैं कि यदि इन्हें लगे कि चीज संवेदनशील तो उसे ब्लॉक कर दो और अगर न लगे तो आप अन्य जातियों या अन्य क्षेत्रों के लोगों के बारे में मत सोचो। अगर यही बात किसी और मजहब के खिलाफ़ जाती तो आप गंभीर होते।”  

इस टिप्पणी के बाद कोर्ट ने ट्विटर से जवाब माँगा जिसमें उन्हें बताना होगा कि किसी अकॉउंट को स्थायी रूप से ब्लॉक करने की उनकी क्या प्रक्रिया है। अब ट्विटर को जवाब में अपनी पॉलिसी समझानी होगी। अब ये मामला 6 सितंबर को सुना जाएगा।

हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी एक हलफनामा दायर करने को कहा है जिसमें किसी अकॉउंट को ब्लॉक करने से संबंध में ट्विटर के साथ उनकी SOP के बारे में उन्हें जानकारी देनी होगी।

एथिस्ट रिपब्लिक के विरुद्ध याचिका

बता दें कि ये याचिका कोर्ट में वकील आदित्य देशवाल ने डाली थी जिसमें प्रमुखत: से ट्विटर हैंडल एथिस्ट रिपब्लिक का जिक्र है। याचिका में कहा गया है कि तमाम शिकायतों के बावजूद अकॉउंट न तो सस्पेंड हुआ और न ही उसके ऊपर कोई कार्रवाई हुई।

उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने पिछले वर्ष नवंबर में भी ट्विटर से नाराजगी व्यक्त की थी और चार पोस्ट अपनी साइट से हटाने के लिए निर्देश दिए थे। ऐसे में सिद्धार्थ लूथरा ने ट्विटर की ओर से पेश होते हुए बताया कि उन्होंने कोर्ट के पिछले निर्देश मान लिए हैं। आपत्तिजनक सामग्री वाले ट्वीट हटा दिए गए हैं। कई राज्यों में उनके ऊपर एफआईआर भी हुई है। लूथरा ने सुनवाई में कहा कि वो अकॉउंट को ब्लॉक नहीं करते सिर्फ कोर्ट के निर्देश के बाद ऐसा किया जाता है।

वहीं देशवाल ने कोर्ट में नए आईटी एक्ट नियमों पर बात करते हुए कहा कि ये कहना गलत है कि सोशल मीडिया सिर्फ कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई करता है। उन्होंने कहा कि ट्विटर-फेसबुक न सामग्रियों को हटाते हैं जो उनके नियमों के विरुद्ध हो। देशवाल ने गौर करवाया कि एथिस्ट रिपब्लिक से लगातार ऐसी हरकत होती है। इसके संस्थापक अरमिन नवाबी हैं जो इस कार्रवाई का भी मजाक उड़ा रहे हैं। वह ईशनिंदा वाली सामग्री प्रसारित करते हैं। वे भले ही खुद नास्तिक हों लेकिन वे किसी धर्म का अपमान नहीं कर सकते।

केंद्र की ओर से पेश वकील हरीश वैद्यनाथ शंकर ने बताया कि ट्विटर और केंद्र की sop है जो ट्विटर पर अकॉउंट ब्लॉक करने में काम करती हैं। इसके अनुसार, 60 दिन में 5 से ज्यादा संदेश नियम उल्लंघन के आते हैं तो अकॉउंट ब्लॉक होता है।

इस सुनवाई में कोर्ट में एथिस्ट रिपब्लिक की ओर से वृंदा भंडारी पेश हुईं और अपनी बात न सुनी जाने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि उन्हें ब्लॉक किए जाने से पहले उन्हें सुना जाना चाहिए। कोर्ट ने एथिस्ट रिपब्लिक को नोटिस जारी किया और भंडारी से इस अकॉउंट संबंधी जानकारी वाला हलफनामा दायर करने को कहा और पूछा कि क्या इसका भारत में कोई बिजनेस हैं या यहाँ इसका कोई अधिकारी है। 

पीठ ने आश्वासन माँगा कि हर विवादित सामग्री हटाई जाएगी या उन्हें हटाने के निर्देश दिए जाएँगे और ये सब तब तक दोबारा अपलोड नहीं होगा जब तक कि कोर्ट इस पर कोई निर्णय न लें।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बंगाल, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु…. हर जगह OBC का हक मार रहे मुस्लिम, यूँ ही PM मोदी को नहीं कहना पड़ा- मेरे जीते जी...

पीएम मोदी ने कहा कि वे जब तक जिंदा हैं, तब तक देश में धर्म के आधार पर आरक्षण लागू नहीं होने देंगे। हालाँकि, कुछ राज्यों में मुस्लिम आरक्षण है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अयोध्या में रामलला के किए दर्शन: हनुमानगढ़ी में आशीर्वाद लेने के बाद सरयू घाट पर सांध्य आरती में भी हुईं...

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अयोध्या पहुँची। राष्ट्रपति ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन किए। वहाँ पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रामलला के दर्शन करने पहुंचीं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -