भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित बिहार के पटना में बाँके बिहारी का मंदिर बनकर तैयार हो गया है। अब 3 मई, 2022 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। 100 करोड़ की लागत से 11 साल के लंबे समय में बनकर तैयार हु्आ ये मंदिर 84 खंभों पर टिका है। इस मंदिर का निर्माण ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशजों ने किया है।
4 मंजिला यह मंदिर 2 एकड़ के क्षेत्र में फैला है। पटना के बुद्ध मार्ग पर स्थित इस विशाल मंदिर को नागर शैली में बनवाया गया है। इसकी विशालता का अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें आराम से 5000 भक्तों के बैठने की सुविधा है। मंदिर का निर्माण राजस्थान के मकराना संगमरमर से किया गया है, जो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है। पटना स्थित यह मंदिर बेंगलुरू, वृंदावन और जुहू के बाद देश का चौथा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है।
मंदिर की खासियत
108 फीट की ऊँचाई वाला बाँके बिहारी मंदिर सेमी अंडर ग्राउंड है, मंदिर की पहली मंजिल पर 1000 लोगों की क्षमता वाला ‘प्रसादम्’ हाल है। वहीं दूसरी मंजिल पर भगवान बाँके बिहारी का गर्भ गृह है। यहीं पर राम दरबार और दूसरी ओर चैतन्य महाप्रभु का दरबार भी स्थित है। प्रसाद के लिए मंदिर में ही मॉडर्न स्टाइल का किचन है। साथ ही गोविंदा रेस्टोरेंट भी है, जहाँ पर शाकाहारी खाना, अतिथियों के ठहरने के लिए 70 कमरे, 300 गाड़ियों की पार्किंग, लाइब्रेरी है। इसमें प्रभु पाद और महर्षि वेद व्यास द्वारा रचित ग्रंथों को रखा गया है। मंदिर में एक गौशाला भी है, जिसमें 500 गायों को रखा जा सकेगा।
मंदिर के पुजारी रामपूर्ति दास बताया कि मंदिर को 84 खंभों पर बनाए जाने के पीछे एक खास कारण है। हिंदू धर्म में 84 योनियों का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि इन 84 खंभों की एक बार परिक्रमा करने से 84 योनियों के च्रक से मुक्ति मिलती है।
उल्लेखनीय है कि इस मंदिर के निर्माण के लिए 2007 में भूमिपूजन किया गया था। 2010 में इसका निर्माण शुरू हुआ और 2021 में ही उद्घाटन होना था, लेकिन कोरोना के कारण ये संभव नहीं हो सका।