गोरखनाथ मंदिर पर 3 अप्रैल, 2022 की शाम हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी लगातार कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एटीएस और पुलिस के मुताबिक मुर्तजा अब्बासी मानसिक तौर पर विक्षिप्त नहीं बल्कि बड़ा ही शातिर है। मिली जानकारी के अनुसार, मुर्तजा अब्बासी पहले से ही एटीएस के रडार पर था। बताया जा रहा है कि 2 अप्रैल को एटीएस के अधिकारी सादी वर्दी में उसके घर भी पहुँचे थे। जिसकी भनक लगते ही दूसरे दिन मुर्तजा ने लोन वुल्फ स्ट्रेटेजी के तहत अटैक कर दिया।
वहीं शुरूआती जाँच में यह भी सामने आया ही कि मुर्तजा अनवर अल अवलाकी को अपना उस्ताद मानता था। जो यमन-अमेरिकी इमाम है, इस्लामिक अवेकिंग फोरम पर मुर्तजा कट्टर इस्लाम की बातें सुनता था और उनसे सवाल भी पूछता था। वहीं उसके जाकिर नाइक से भी प्रभावित होने की बात सामने आई है। एटीएस मुर्तजा को स्लीपर सेल का एक हिस्सा मान रही है इसलिए इसे क्रैक कर पूरी कड़ी सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है।
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि मुर्तुजा अब्बासी पहले से ही एटीएस (ATS) के रडार पर था। उस पर सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी जारी थी। जब 2 अप्रैल को अचानक मुर्तजा की सारी ऑनलाइन एक्टिविटी बंद हो गई तो उसी दिन दो लोग बैंक कर्मचारी बनकर मुर्तजा के घर पहुँचे और खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए मुर्तजा पर 25 लाख रुपए के लोन की बात करते हुए पूछताछ की। लेकिन जब मुर्तजा के परिवार वालों ने सवाल जवाब किए, उनकी आईडी और बैंक लोन की डिटेल माँगी तो दोनों वहाँ से निकल लिए। कहा जा रहा है कि मुर्तजा को शक हो गया था कि एजेंसियों की नज़र उस पर है इसलिए 2 अप्रैल की सुबह वो नेपाल निकल गया था।
नेपाल में मुर्तजा ने किससे मुलाकात की, मुलाकात में क्या बात हुई और कैसे अगले ही दिन मुर्तजा वापस गोरखपुर आया और मंदिर के बाहर हमले को अंजाम दिया। वहीं यह भी कहा जा रहा है नेपाल में उसकी प्लानिंग नहीं हो पाई तो वह गोरखपुर लौटा और हड़बड़ी में गोरखनाथ मंदिर गया और वारदात को अंजाम दिया। आशंका ये भी जताई जा रही है कि नेपाल में बसे कुछ लोग मुर्तजा से जुड़े थे। अगर प्लान फाइनल हो जाता तो ये किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दे सकते थे। इन सब सवालों के जवाब सुरक्षा एजेन्सियाँ तलाश रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक जो खुलासे हुए हैं, उसके मुताबिक मुर्तजा अब्बासी ने ने 29 डॉलर का इंटरनेशनल सिम खरीदा था, जिससे इसने फेसबुक और टेलीग्राम पर अपना अकाउंट बनाया और फिर उसी से वह सीरिया, अरब क्रांति और ISIS से संबंधित वीडियो देखा करता था। IIT मुंबई में पढ़ाई के दौरान ही इसने 2012 से 2015 के बीच नेपाली खातों के माध्यम से उसने सीरिया पैसा भेजा था। 2020-21 में भी नेपाली खातों में करीब 8 लाख रुपए सीरिया भेजा है।
इसके साथ ही मुर्तजा की चार बैंक खातों की डिटेल भी जाँच एजेंसियों के हाथ लगी है। ICICI बैंक, प्लेटिनम फेडरल बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक के एक अन्य खाते के अलावा कुछ और खातों की भी जानकारी मिली है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन्हीं खातों से रुपए ट्रांसफर किए गए हैं।
आतंक रोधी दस्ता (ATS) ने अहमद मुर्तजा के मददगारों की तलाश में पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मुर्तजा कुछ महीने पहले देवबंद गया था। एटीएस ने वहाँ से दो लोगों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा सहारनपुर, कानपुर, लखनऊ और अन्य शहरों से भी कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।