Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिपटना: समान काम के लिए समान वेतन मॉंग रहे शिक्षकों पर बरसाई लाठियाँ

पटना: समान काम के लिए समान वेतन मॉंग रहे शिक्षकों पर बरसाई लाठियाँ

पहली बार शिक्षकों के 18 संगठन एक साथ सरकार के ख़िलाफ़ एकजुट हुए हैं। पुलिस कार्रवाई के बाद शिक्षकों ने ट्रैफिक जाम कर दिया।

बिहार में संविदा शिक्षकों का आंदोलन जारी है। समान काम के लिए समान वेतन माँग रहे शिक्षकों पर गुरुवार को राजधानी पटना में पुलिस ने लाठियाँ बरसाई।

विधानसभा के पास प्रदर्शन कर रहे संविदा शिक्षकों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने न सिर्फ़ आँसू गैस के गोले छोड़े, बल्कि वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद शिक्षकों पर लाठियाँ भाजी गईं। उनकी जम कर पिटाई की गई।

पुलिस की कार्रवाई में कई शिक्षक घायल हुए। उग्र शिक्षकों ने ट्रैफिक जाम किया। ऐसा पहली बार हैं, जब शिक्षकों के 18 संगठन एक साथ सरकार के ख़िलाफ़ एकजुट हुए हैं। शिक्षकों ने गर्दनीबाग़ क्षेत्र का मेन गेट तोड़ डाला। बिहार में नियमित शिक्षकों को संविदा पर बहाल शिक्षकों से ज्यादा वेतन मिलता है। संविदा पर बहाल शिक्षकों की माँग है कि उन्हें भी उतना ही वेतन मिले, जितना नियमित शिक्षकों को दिया जाता है।

‘समान काम-समान वेतन’ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी इन शिक्षकों के ख़िलाफ़ ही फ़ैसला सुनाया था। बिहार के सभी जिलों से शिक्षक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए पटना पहुँचे थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -