Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजED ने एमनेस्टी इंडिया और उसके पूर्व CEO आकार पटेल पर लगाया ₹62 करोड़...

ED ने एमनेस्टी इंडिया और उसके पूर्व CEO आकार पटेल पर लगाया ₹62 करोड़ का जुर्माना, FEMA प्रावधानों का उल्लंघन कर विदेश से लिया फंड

ईडी ने अपने कारण बताओ नोटिस में कहा था कि नवंबर 2013 और जून 2018 के बीच की अवधि में एमनेस्टी इंडिया द्वारा भारी धन लिया गया। उसने इसे विदेश में व्यापार/प्रबंधन परामर्श और जनसंपर्क सेवाओं के तौर पर दिखाया। यह और कुछ नहीं, बल्कि इसके जरिए विदेशियों से राशि ले रहा था, जो कि FEMA के प्रावधानों का उल्लंघन है।

खुद को मानवाधिकारों का पहरुआ बताने वाले एमनेस्टी इंडिया (Amnesty India) पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरी है। ED ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (AIIPL) पर 51.72 रुपए और उसके पूर्व CEO आकार पटेल पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है।

ईडी को जानकारी मिली थी कि एमनेस्टी इंटरनेशनल, यूके विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRN) से बचने के लिए FDI के रास्ते अपनी भारतीय संस्थाओं (गैर-एफसीआरए कंपनियों) को बड़ी मात्रा में विदेशी फंड भेज रहा था। इस बात की जैसे ही जाँच एजेंसी को पता चली, उसने एमनेस्टी पर निगाह रखनी शुरू कर दी।

ईडी का कहना है कि इसके पहले भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एफसीआरए के तहत एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट (एआईआईएफटी) और अन्य ट्रस्टों के पंजीकरण या अनुमति से इनकार से इनकार कर दिया था। इसके बाद बावजूद एमनेस्टी इंडिया FCRN का उल्लंघन करते हुए भारत में एनजीओ गतिविधियों का विस्तार करने के लिए विदेशों से भारत मात्रा में धन ले रहा था।

ईडी ने अपने कारण बताओ नोटिस में कहा था कि नवंबर 2013 और जून 2018 के बीच की अवधि में एमनेस्टी इंडिया द्वारा भारी धन लिया गया। उसने इसे विदेश में व्यापार/प्रबंधन परामर्श और जनसंपर्क सेवाओं के तौर पर दिखाया। ईडी का कहना है कि एमनेस्टी इंडिया और कुछ नहीं, बल्कि इसके जरिए विदेशियों से राशि ले रहा था, जो कि FEMA के प्रावधानों का उल्लंघन है।

एमनेस्टी इंडिया से जवाब मिलने के बाद ईडी के निर्णायक प्राधिकरण ने माना है कि एमनेस्टी इंडिया और कुछ नहीं, बल्कि भारत में अपनी गतिविधियाँ चलाने वाला एमनेस्टी इंटरनेशनल लिमिटेड, यूके की एक इकाई है। एमनेस्टी इंडिया ऐसी कई सारी गतिविधियों में शामिल है, जो उसके द्वारा घोषित वाणिज्यिक व्यापार के तहत नहीं आता है।

ईडी का कहना है कि यह सब एफसीआरए जाँच से बचने के लिए व्यावसायिक गतिविधियों की आड़ में विदेशी धन को रूट करने के लिए यह मॉडल लागू किया गया है। माना जाता है कि 51,72,78,111.87 रुपये का जो फंड एमनेस्टी इंडिया को भेजा गया वह भारत में उसकी गतिविधियों को चलाने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा भेजा गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।

8 दिन पीछा कर पुलिस ने चोर अब्दुल और सादिक को पकड़ा, कोर्ट ने 15 दिन बाद दे दी जमानत: बाहर आने के बाद...

सादिक और अब्दुल्ला बचपने के साथी थी और एक साथ कई घरों में चोरियों की घटना को अंजाम दे चुके थे। दोनों को मिला कर लगभग 1 दर्जन केस दर्ज हैं।
- विज्ञापन -